सुत्राह
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सुत्राह (इंग्लिश: Sutra) इस्लाम में नमाज़ पढ़ते समय आगे किसी तरह की भी जो आड़ या ओट रखी जाती है या पहले से होती है उसे सुत्राह या सुतरा कहते हैं।[1]
विवरण:
संपादित करेंमुसलमान क़ीबलाह की ओर मुख करके जब नमाज़ पढ़ते हैं तो सामने कोई सूत्राह अर्थात दीवार, सतून, पर्दा या कोई लगभाग एक फुट ऊंचा और एक उंगल मोटा सामान सजदा या माथा टेकने के स्थान से कम से कम एक बालिश्त दूर रख लेते हैं।
क्यों करते हैं सुत्राह
संपादित करेंइस्लामी शरिया में नमाज़ पढ़ने वाले के आगे से गुज़रना गुनाह (पाप) माना जाता है। आड़ के पीछे से आना जाना मना नहीं होता।
हदीस में नमाज़ी के आगे से गुज़रना गुनाह
संपादित करें’’अगर नमाज़ी के आगे से गुज़रने वाले को पता हो कि इस की सज़ा किया है। तो वो चालीस (साल या महीना वहां खड़ा इंतिज़ार करता और ये उस के लिए नमाज़ी के आगे से गुज़रने से बेहतर होता।' (हदीस तिर्मिज़ी[2])
ये भी हैं सुत्राह
संपादित करेंसवारी के जानवर को भी सुत्राह के तौर पर इस्तिमाल किया जा सकता है और बैठे या लेटे हुए शख़्स के पीछे खड़े हो कर नमाज़ अदा की जा सकती है। कब्र की आड़ में नमाज़ पढ़ना मना है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ सुतरा शब्द के अर्थ | सुतरा - Hindi meaning | Rekhta Dictionary https://www.rekhtadictionary.com/meaning-of-sutra?lang=hi
- ↑ "نمازی کے آگے سے گزرنے والے کے بارے میں کیا حکم ہے".