सुधर्मा
सुधर्मा संस्कृत का एक दैनिक समाचारपत्र है। यह मैसूर से प्रकाशित होता है।[1] इसका प्रकाशन 1970 में आरम्भ हुआ था। इसका वितरण मुख्यतः डाक द्वारा होता है। इस अखबार की अभी 3,000 प्रतियां निकलती हैं और इसकी वार्षिक सदस्यता शुल्क 400 रुपए है।[2]
प्रकार | दैनिक समाचार-पत्र |
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प्रारूप | Broadsheet |
संपादक | के वी सम्पतकुमार |
संस्थापना | 14 जुलाई 1970 |
राजनैतिक दृष्टिकोण | उदार / दक्षिणपन्थी |
मुख्यालय | मैसूरु, कर्नाटक |
वितरण | 2000 |
जालपृष्ठ |
epapersudharmasanskritdaily |
सन २०२० में सुधर्मा के सम्पादक श्री केवी सम्पत कुमार, उनकी पत्नी जयलक्ष्मी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Language and love: The story of India's oldest surviving Sanskrit newspaper". मूल से 12 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 नवंबर 2017.
- ↑ "भारत का एकमात्र संस्कृत दैनिक 'सुधर्मा' बंद होने के कगार पर, केंद्र से मांगी मदद". मूल से 12 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 नवंबर 2017.
- ↑ "पद्म पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट में इन वरिष्ठ पत्रकारों ने भी बनाई अपनी जगह". मूल से 23 फ़रवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 फ़रवरी 2020.