सुधीर फड़के
भारतीय गायक एवं संगीतकार
सुधीर फडके (25 जुलाई 1919 - 29 जुलाई 2002) ख्यातलब्ध मराठी एवं हिन्दी संगीतकार तथा गायक थे। वे मराठी फिल्मों एवं मराठी सुगम संगीत के प्रतीक थे और पाँच दशकों तक इस क्षेत्र में छाए रहे। मराठी के अतिरिक्त उन्होने हिन्दी फिल्मों के लिए भी संगीत रचना की। वे 'बाबूजी' के नाम से प्रसिद्ध थे। शास्त्रीय संगीत पर आधारित गीतों की संगीत संरचना में वे सिद्धहस्त थे। 1961 में आई फिल्म 'भाभी की चूड़ियाँ' में दिया गया उनका संगीत अत्यन्त लोकप्रिय हुआ।
सुधीर फडके सुधीर फडके | |
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सन २००२ में पण्डित जसराज से 'सह्याद्रि स्वररत्न पुरस्कार' प्राप्त करते हुए सुधीर फडके | |
पृष्ठभूमि | |
जन्म नाम | राम फडके |
अन्य नाम | बबूजी |
जन्म | 25 जुलाई 1919 कोल्हापुर, महाराष्ट्र, भारत |
मूलस्थान | कोल्हापुर, महाराष्ट्र, भारत |
निधन | 29 जुलाई 2002 मुम्बई | (उम्र 83 वर्ष)
विधायें | भारतीय शास्त्रीय संगीत |
पेशा | गायक एवं संगीतकार |
वाद्ययंत्र | Vocal |
लोकप्रिय गीत
संपादित करें- ज्योति कलश छलके। (भाभी की चूड़ियाँ)
प्रमुख फिल्में
संपादित करें- गोकुल
- रुक्मणि स्वयंवर (1947)
- आगे बढ़ो (1947)
- सीता स्वयंवर
- जीवाचा सखा
- वंदेमातरम् (1948)
- अपराधी
- जय भीम
- माया बाजार
- रामप्रतिज्ञा
- संत जनाबाई (1949)
- श्रीकृष्ण दर्शन
- जौहर माईबाप (1950)
- पुढ़ाचा पाउळ (1950)
- मालती माधव
- मुरलीवाला
- जशांच तंस (1951)
- लाखाची गोष्ठ
- नरवीर तानाजी (1952)
- सौभाग्य
- वाहिनी च्या बांगड्या (1953)
- पहली तारीख
- इन-मीन-साढ़े तीन
- ऊन पाऊस (1954)
- गंगेत घोड़ा नहाला
- शेवग्याचा शेंगा (1955)
- सजनी
- अंधाळा मागतो एक डोळा
- देवधर
- माझे घर माझी माणसं (1956)
- गणगौरी (1958)
- जगाच्या पाठीवर (1960)
- भाभी की चूड़ियाँ (1961)
- गुरु किल्ली (1966) आमी जातो आमचा गाँव (1968)
- दरार (1972)
- आराम हराम आहे (1976)
- आपलेच दात आपलेच ओंठ (1982)
- माहेरची माणसं (1984)
- धाकटी सून
- शेर शिवाजी (1987)