सुप्तपादांगुष्टासन
सुप्तपादांगुष्टासन
संपादित करेंसीधे लेटकर दायें पैर को मोड़ें तथा हाथ से पैर के पंजे को पकड़कर श्वास को बाहर निकालते हुए पैर् को खींचे। इसी प्रकार बायें पैर से इस अभ्यास को करें।
लाभ
संपादित करेंनाभि को ठीक करने के लिये यह अभ्यास महत्वपूर्ण है। नाभि के ठीक होने से गैस, पेट दर्द, कब्ज, अतिसार, दुर्बलता एवं आलस्य ये स्वतः ही दूर हो जाते हैं। आमाशय, अग्नाशय एवं आँतों के लिये हितकारी है।