सुलगत्ती नरसम्मा (कन्नड़: ನರಸಮ್ಮ; मृत्यु २५ दिसंबर, २०१८), जिन्हें "जननी अम्मा" के रूप में भी जाना जाता है, कर्नाटक राज्य के तुमकुर जिले के पवागड़ा गाँव की एक भारतीय दाई थीं। उन्होंने कर्नाटक के वंचित क्षेत्रों में बिना किसी चिकित्सा सुविधा के अपने 70 वर्षों की सेवा अवधि में 15,000 से अधिक निशुल्क पारंपरिक प्रसव किए थे।[1][2][3] उन्हें इस कार्य के लिये 2012 में भारत के राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार और 2018 में देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।[4][5]

सुलगत्ती नरसम्मा

सुलगत्ती नरसम्मा
जन्म 1920
पावगड़ा तालुक, तुमकुर जिला, मैसूर राज्य, ब्रिटिश राज (अब कर्नाटक, भारत)
मौत 25 दिसम्बर 2018(2018-12-25) (उम्र 98)
बैंगलोर, कर्नाटक, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
पेशा दाई
जीवनसाथी अन्जीनप्पा
पुरस्कार पद्म श्री पुरस्कार (2018),
राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार (2013),
डॉक्टरेट की मानद उपाधि (2014)
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राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद 20 मार्च, 2018 को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में नागरिक अलंकरण समारोह में डॉ. (श्रीमती) सुलगिति नरसम्मा को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान करते हुए।

जीवनी संपादित करें

नरसम्मा का जन्म तुमकुर जिले के पवागड़ा गाँव के कृष्णापुरा में एक खानाबदोश संस्कृति में हुआ था। उसकी पहली भाषा तेलुगु थी। वह स्कूल नहीं गई और अनपढ़ रह गई; 12 साल की उम्र में उनकी शादी अंजिनप्पा से कर दी गई। दम्पति के 12 बच्चे हुए, हालांकि चार की मौत हो गई थी, और 36 पोते और परपोते थे।[6][3][7]

उन्होंने अपनी दादी मरिगम्मा से दाई का कार्य सीखा, जोकि स्वयं एक दाई थी उन्होंने नरसम्मा के पाँच बच्चों के जन्म के समय दाई का कार्य किया था। 1940 में, 20 वर्ष की आयु में, नरसम्मा ने पहले जन्म में सहायता की जब उन्होंने अपनी चाची के बच्चे के जन्म में मदद की।[6]

जब भी खानाबदोश कबीले उसके गांव में आते थे, नरसम्मा को अपने दाई कौशल का अभ्यास करने का अवसर मिलता था। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के लिए प्राकृतिक चिकित्सा तैयार करने की कला भी सीखी और जल्द ही वह शिशु के स्वास्थ्य और स्थिति की जाँच करने में सक्षम हो गई।[8] वह कथित तौर पर गर्भ में रहते हुए किसी भी उपकरण के उपयोग के बिना भ्रूण की नब्ज का पता लगाने में सक्षम थी।[9]

2018 तक, 97 साल की उम्र में, नरसम्मा ने अपने कार्य के दौरान 15,000 से अधिक शिशुओं को जन्म देने में मदद की थी, और उन्हें 'कृष्णपुरा की दाई' के रूप में वर्णित किया गया है।[10][8]

पुरस्कार और सम्मान संपादित करें

नरसम्मा को निम्न पुरस्कार और प्रशंसा पत्र मिले:

  • 2012: कर्नाटक राज्य सरकार के डी. देवराज उर्स पुरस्कार।[9]
  • 2013: कित्तूरु रानी चेन्नम्मा पुरस्कार।[9]
  • 2013: कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार।[11]
  • 2013: भारत का राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार।[12]
  • 2014: तुमकुर विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि।[13]
  • 2018: पद्म श्री[4]

मृत्यु संपादित करें

नरसम्मा को नवंबर 2018 में सिद्दागंगा अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में भर्ती कराया गया था और बाद में उन्हें 29 नवंबर, 2018 को बीजीएस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। 25 दिसंबर 2018 को 98 साल की उम्र में कर्नाटक के केंगेरी, बेंगलुरु के बीजीएस ग्लेनेगल्स ग्लोबल अस्पताल में पुरानी फेफड़ों की बीमारी से उनकी मृत्यु हो गई।[7]


सन्दर्भ संपादित करें

  1. Govt. of India. "Padma Awards 2018". padmaawards.gov.in. 2018, padmaawards. मूल से 26 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  2. GovOfIndia. "Story of Dr. Sulagatti Narasamma, Janani Amma – Padma Awardee 2018 in Social Work". Online Edition MyGov India. 2018, MyGov India.
  3. Prajwal Bhat. "Meet the Padma awardee from K'taka who helped deliver babies for 70 yrs, free of cost". Online Edition of thenewsminute. 2018, thenewsminute. मूल से 8 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  4. Staff. "Photos: Illaiyaraja, Ghulam Mustafa Khan, 41 others given Padma awards". Online Edition of Zee News. 2018, Express News Service. मूल से 27 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  5. India.com News Desk. "MS Dhoni, Pankaj Advani Conferred With Padma Bhushan; Complete List". Online Edition of india.com. 2018, india.com. मूल से 21 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  6. H Devaraja. "Dr Narasamma reads gentle pulse of foetus". Online Edition of newindianexpress, dated 04 February 2018. 2018, Express News Service. मूल से 1 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  7. newindianexpress.com News Desk. "Well known midwife Sulagitti Narasamma who helped thousands of women deliver babies, no more". Online Edition of newindianexpress.com. 2018, newindianexpress.com. मूल से 27 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  8. indiatimes.com News Desk. "97-YO Midwife Cum Farm Labourer Recognised For Lifetime Work, Get Padma Shri". Online Edition of indiatimes.com. 2018, indiatimes.com. मूल से 8 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  9. "Sulagitti Narasamma, Padma Shri awardee midwife who delivered 15,000 babies, dies at 98". dna (अंग्रेज़ी में). 2018-12-25. मूल से 26 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-12-26.
  10. deccanchronicle.com News Desk. "Sulagitti admitted to Bengaluru hospital". Online Edition of deccanchronicle.com. 2018, deccanchronicle.com. मूल से 30 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  11. DHNS. "Ko Channabasappa among 58 Rajyotsava awardees". Online Edition of deccanherald.com. 2013, deccanherald.com. मूल से 28 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  12. Ministry of Social Justice & Empowerment. "The President Confers First National Award for Senior Citizens – Vayoshreshtha Samman, 2013". Govt. of India official press release. 2013, pib.nic.in. मूल से 27 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2018.
  13. "Padma Shri awardee Sulagitti Narasamma passes away at 98". The Economic Times. 2018-12-25. मूल से 26 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-12-25.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें