सुबाहु
रामायण का पात्र
(सुवाहु से अनुप्रेषित)
सुबाहु हिन्दू महाकाव्य रामायण में एक दानव था, जो रावण के आदेश पर विश्वामित्र के यज्ञ में बाधा डालता था।[1] वो श्रापित राक्षशी ताड़का और उसके पति सुन्दा का पुत्र था।[2] गुरु वशिष्ट के निर्देश पर राम-लक्ष्मण ने सुबाहु का वध किया।[3]
सुबाहु | |
---|---|
कहानी में जानकारी | |
परिवार | उपसुन्दा (पिता), ताड़का (माँ) |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "CANTO XXII.: DAS'ARATHA'S SPEECH". Sacred Texts.
Foes of thy rite, those mighty ones, Sunda and Upasunda's sons, Are fierce as Fate to overthrow: I will not let my young child go. Maricha and Suváhu fell Are valiant and instructed well.
- ↑ "Ravan: ताड़का, मारीच और सुबाहु कौन थे, इनका लंकापति रावण से क्या नाता था?". एबीपी लाइव. 2024-08-27. अभिगमन तिथि 2024-10-28.
- ↑ "ऋषि-मुनियों की रक्षा के लिए राम ने किया ताड़का और सुबाहु का वध". दैनिक जागरण. अभिगमन तिथि 2024-10-28.
.