ब्रह्मा ने देवी सुषमा को पृथ्वी पर जीवन निर्माण के लिए भेजा । देवी ने जीवन निर्माण किया किन्तु असुरों ने यहाँ के विशेष जीव के मस्तिष्क को दूषित कर दिया । असुर सम्राट तमराज को पृथ्वी पर अपना अधिकार चाहिए था । सतयुग से लेकर कलियुग तक उसने अनेकों प्रयास किये । कलियुग का अंत करने के लिए असुरीय शक्तियों का पूर्णतः अंत आवश्यक था । कल्कि ने नौ दिव्य साधकों को एकत्रित किया और एक भीषण महायुद्ध छिड़ा । सत्य को तो विजय प्राप्त करना ही था । एक नवीन गृह मिला और पिढ़ियान ग्रह पर भी जीवन का आरंभ हुआ । सबको ज्ञात था कि यह न प्रारंभ है और न अंत । ब्रह्मांड से असुर पूर्णतः नहीं समाप्त हो सकते । हमें बस सज्ज रहना होगा । असुरों के विरुद्ध और प्रकृति के पक्ष में ।