डॉ सूर्यप्रसाद दीक्षित (जन्म ५ जुलाई १९३८) हिन्दी भाषा व साहित्य के विद्वान तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी एवं आधुनिक भाषा के पूर्व विभागाध्यक्ष हैं। वे लखनऊ, इलाहाबाद, सागर, बड़ौदा, उज्जैन, गोवा, कोचीन, वर्धा, दिल्ली विश्वविद्यालय में अतिथि प्रोफेसर रहे हैं।

उनका जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के बन्नावाँ में १९३८ में हुआ था।

शोध: (1) ‘छायावादी गद्य’ (पीएच.डी.), (2) ‘व्यावहारिक सौन्दर्यशास्त्रा’ (डी.लिट्.)

सम्पादन: ‘उत्कर्ष’, ‘उद्भव’, ‘अवधी’, ‘ज्ञानशिखा’, ‘शोध’, ‘कुलसन्देश’, ‘साहित्य भारती’, ‘संचारश्री, ‘चाणक्य’, ‘प्रभास’, ‘खोज’

स्नेहोपहार: ‘उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान’ से ‘साहित्य भूषण’ सम्मान, 1998; ‘दीनदयाल उपाध्याय सम्मान’, उ.प्र., 2002; हिन्दी साहित्य सम्मेलन से ‘साहित्य वाचस्पति’ उपाधि 1999; इण्टरनेशनल सेण्टर, कैम्ब्रिज से ‘इण्टरनेशनल मैन ऑफ दी इयर’ 1998 से 2013; ‘अमेरिकन इंस्टीट्यूट’ से ‘डिसटिंगिस्ट परसनालिटी ऑफ दी वर्ड’ 1998 से 2013 ।

  • वर्तमान में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अध्यक्ष।
  • पुस्तकें - हिंदी साहित्येतिहास की भूमिका, सूक्ति सुधा, विश्व पटल पर हिंदी, संचार भाषा हिंदी, निराला समग्र, प्रसाद समग्र, सेनापति, मिश्रबन्धु, ब्रज संस्कृति विश्वकोश, 'छायावाद : सौ साल' ।

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