सूर्य ग्रहण १५ जनवरी २०१०

१५ जनवरी २०१० का सूर्य ग्रहण एक वलयाकार या कंकणाकार सूर्य ग्रहण था। इसका परिमाण ०.९१९० रहा। वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सामान्य स्थिति की तुलना में पृथ्वी से दूर हो जाता है। परिणामस्वरूप उसका आकार इतना नहीं दिखता कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक पाये। वलयाकार सूर्यग्रहण में चंद्रमा के बाहरी किनारे पर सूर्य मुद्रिका यानी वलय की तरह काफ़ी चमकदार नजर आता है।[1]

१५ जनवरी, २०१० का सूर्य ग्रहण
Map
ग्रहण का प्रकार
स्वभाव Annular
गामा 0.4002
परिमाण 0.919
अधिकतम ग्रहण
अवधि 11m 8s
निर्देशांक 1.6N 69.3E
पट्टी की अधिकतम चौड़ाई 333 km
समय (यूटीसी)
(P1) आंशिक आरंभ 4:05:28
(U1) पूर्ण आरंभ 5:13:55
सबसे बड़ा ग्रहण 7:07:39
(U4) पूर्ण समाप्ति 8:59:04
(P4) आंशिक समाप्ति 10:07:35
संदर्भ
सैरोस 141 (23 of 70)
सूचीपत्र # (SE5000) 9529

यह ग्रहण भारतीय समयानुसार ११ बजकर ०६ मिनट पर आरंभ हुआ और यह दोपहर ३ बजे के बाद तक चालू रहा। वैज्ञानिकों के अनुसार दोपहर १ बजकर १५ मिनट पर सूर्य ग्रहण अपने चरम पर था। भारत के अलावा सूर्यग्रहण अफ्रीका, हिन्द महासागर, मालदीव, श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया में दिखाई दिया।

इससे पहले वलयाकार सूर्यग्रहण २२ नवम्बर १९६५ को दिखाई पड़ा था और इसके बाद अगला वलयाकार सूर्यग्रहण २१ जून २०२० को दिखेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार इतनी लंबी अवधि का सूर्यग्रहण इसके बाद वर्ष ३०४३ से पहले नहीं दिखाई पड़ेगा।

दीर्घा संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. सदी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण ख़त्म Archived 2010-01-16 at the वेबैक मशीन। बीबीसी हिन्दी। १५ जनवरी २०१०


इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें