सॅफ़ॅई परिवर्ती तारा ((Cepheid variable star)) एक विशेष प्रकार के परिवर्ती तारे को कहा जाता है जिसकी (निरपेक्ष कान्तिमान) चमक बहुत अधिक हो। इन तारो की चमक के तीखेपन और उसमें आने वाले बदलावों के काल में सीधा सम्बन्ध होता है, जिस वजह से इन्हें हमारी गैलेक्सी के लम्बे फ़ासले और गैलेक्सियों के बीच की दूरियों को मापने के लिए मानक समझा जाता है।[1][2][3]

आर॰ऍस॰ पपिस हमारी गैलेक्सी (क्षीरमार्ग) के सबसे रोशन सॅफ़ॅई परिवर्ती तारों में से एक है

इस श्रेणी का नाम वृषपर्वा तारामंडल में स्थित डॅल्टा सॅफ़ॅ​ई तारे पर पड़ा है जिसकी पृथ्वी से देखी जाने वाली चमक (सापेक्ष कान्तिमान) ५.३६६३४१ दिनों के काल +३.४८ से +४.३७ मैग्निट्यूड के बीच बदलती रहती है। इस तारे के अध्ययन से सन् १७८४ में यह परिवर्ती ज्ञात हुआ था और अपनी श्रेणी का यह पहला ज्ञात तारा था।[4][5]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  3. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  4. de Zeeuw, P. T.; Hoogerwerf, R.; de Bruijne, J. H. J.; Brown, A. G. A.; Blaauw, A. (1999). A HIPPARCOS Census of the Nearby OB Associations Archived 2008-02-02 at the वेबैक मशीन, AJ
  5. Majaess, D.; Turner, D.; Gieren, W. (2012). New Evidence Supporting Cluster Membership for the Keystone Calibrator Delta Cephei Archived 2016-01-18 at the वेबैक मशीन, ApJ