भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड

(सेबी से अनुप्रेषित)

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI - Security Exchange Board Of India )- भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है। इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1988 में हुई तथा सेबी अधिनियम 1992 के तहत वैधानिक मान्यता 30 जनवरी 1992 को प्राप्त हुई।[1] सेबी का मुख्यालय मुंबई में बांद्रा कुर्ला परिसर के व्यावसायिक जिले में हैं और क्रमश: नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी व पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय हैं।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड
मुंबई स्थित सेबी भवन
मुंबई स्थित सेबी भवन
संस्था अवलोकन
स्थापना 30 जनवरी 1992; 32 वर्ष पूर्व (1992-01-30) (वैधानिक अधिकार प्राप्त)[1]
अधिकार क्षेत्र भारत गणराज्य की सरकार
मुख्यालय मुम्बई, महाराष्ट्र
कर्मचारी 980 (2021-22)[2]
संस्था कार्यपालक सुश्री माधबी पुरी बुच, अध्यक्ष
वेबसाइट
www.sebi.gov.in/hindi/index.html
 
सेबी भवन का नामपट्ट

इसकी स्थापना आधिकारिक तौर पर वर्ष 1988 में भारत सरकार द्वारा की गई और भारतीय संसद द्वारा पारित सेबी अधिनियम, 1992 के साथ 1992 में इसे वैधानिक अधिकार दिया गया था। सेबी के अस्तित्व में आने से पहले पूंजी निर्गम नियंत्रक नियामक प्राधिकरण था, जिसे पूंजी मुद्दे (नियंत्रण) अधिनियम, 1947 के अंतर्गत अधिकार प्राप्त थे।

सेबी का प्रमुख उद्देश्य भारतीय स्टाक निवेशकों के हितों का उत्तम संरक्षण प्रदान करना और प्रतिभूति बाजार के विकास तथा नियमन को प्रवर्तित करना है। सेबी को एक गैर वैधानिक संगठन के रूप में स्थापित किया गया जिसे SEBI ACT1992 के अन्तर्गत वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। 25 जनवरी 1995 को सरकार द्वारा पारित एक अध्यादेश के द्वारा पूंजी के निर्गमन, प्रतिभूतियों के हस्तांतरण तथा अन्य संबंधित मामले के सम्बन्ध में सेबी को नियंत्रक शक्ति प्रदान कर दिया गया है। वर्तमान कानूनों तथा नियंत्रणों में परिवर्तन के सम्बन्ध में सेबी अब एक स्वायत्त संस्था है और अब उसे सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं। इसके निर्धारित कार्य निम्नलिखित हैं-

  • 1. प्रतिभूति बाजार (सेक्योरिटीज मार्केट) में निवेशको के हितों का संरक्षण तथा प्रतिभूति बाजार को उचित उपायों के माध्यम से विनियमित एवं विकसित करना।
  • 2. स्टॉक एक्सचेंजो तथा किसी भी अन्य प्रतिभूति बाजार के व्यवसाय का नियमन करना।
  • 3. स्टॉक ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, शेयर ट्रान्सफर एजेंट्स, ट्रस्टीज, मर्चेंट बैंकर्स, अंडर-रायटर्स, गोल्ड एक्सचेंज, पोर्टफोलियो मैनेजर आदि के कार्यो का नियमन करना एवं उन्हें पंजीकृत करना।
  • 4. म्यूचुअल फण्ड की सामूहिक निवेश योजनाओ को पंजीकृत करना तथा उनका नियमन करना।
  • 5. प्रतिभूतियों के बाजार से सम्बंधित अनुचित व्यापार व्यवहारों (Unfair Trade Practices) को समाप्त करना।
  • 6. प्रतिभूति बाजार से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करना तथा निवेशकों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
  • 7. प्रतिभूतियों की इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाना।

सेबी (संशोधन) अधिनियम, 2002

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यह संसद में पारित होकर 29 अक्टूबर 2002 से लागू हुआ जो शेयर बाजार में गड़बड़ियों के दोषियों को अधिक कठोर सजा के लिए सेबी को व्यापक अधिकार उपलब्ध कराता है। इस अधिनियम के अंतर्गत इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए सेबी द्वारा 25 करोड़ रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। लघु निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में एक लाख रुपये प्रतिदिन की दर से, एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान भी इस अधिनियम में है। किसी भी शेयर बाज़ार को मान्यता प्रदान करने का अधिकार सेबी को प्रदान किया गया है।

इसके बाद १८ जुलाई २०१३ को सेबी की नियामक शक्तियों में वृद्धि करने के लिए राषट्रपति द्वारा एक अध्यादेश जारी किया गया जिसके महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं–

  • विभिन्न योजनाओं के जरिये पूँजी जुटाने के नये-नये तरीकों, जो अभी तक ‘सेबी’ के दायरे में नहीं आते थे, अब ‘सेबी’ के दायरे में आयेंगे।
  • जनता से 100 करोड़ रुपये से अधिक धनराशी जुटाने वाली सभी योजनायें अब ‘सेबी’ के दायरे में लायी गयीं हैं।
  • सेबी को तलाशी, जब्ती व संपत्ति कुर्क करने का अधिकार है।
  • नियमों का पालन नहीं करने वालों को हिरासत में लेने का अधिकार भी सेबी को दिया गया है।
  • देश-विदेश के नियामकों से सूचनाएं मांगने की अनुमति भी ‘सेबी’ को प्रदान की गयी है।

[[==सेबी के विभाग== सेबी अपने २० विभागों के द्वारा भारतीय वित्त बाजार पर नियन्त्रण रखता है।[3] ये विभाग निम्नलिखित हैं-

  1. Commodity Derivatives Market Regulation Department (CDMRD)
  2. निगम वित्त विभाग (Corporation Finance Department (CFD))
  3. Department of Economic and Policy Analysis (DEPA)
  4. Department of Debt and Hybrid Securities (DDHS)
  5. Enforcement Department – 1 (EFD1)
  6. Enforcement Department – 2 (EFD2)
  7. Enquiries and Adjudication Department (EAD)
  8. General Services Department (GSD)
  9. Human Resources Department (HRD)
  10. Information Technology Department (ITD)
  11. Integrated Surveillance Department (ISD)
  12. Investigations Department (IVD)
  13. निवेश प्रबंधन विभाग (Investment Management Department (IMD))
  14. विधि कार्य विभाग (Legal Affairs Department (LAD))
  15. Market Intermediaries Regulation and Supervision Department (MIRSD)
  16. Market Regulation Department (MRD
  17. Office of International Affairs (OIA)
  18. Office of Investor Assistance and Education (OIAE)
  19. Office of the Chairman (OCH)
  20. Regional Offices (RO’s)]]
  1. "सेबी के बारे में". SEBI. मूल से 3 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 सितम्बर 2012.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जून 2013.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 सितंबर 2018.

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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