सेवा का अधिकार
आम जनता का यह अधिकार कि वह कुछ सार्वजनिक सेवाओ को तय समयावधि में पाने का हक रखती है - 'सेवा का अधिकार' कहलाता है। इसके तहत तय समयसीमा में काम का निबटारा करना सम्बंधित अधिकारियों की बाध्यता होती है। समयसीमा के अंदर सेवा नहीं उपलब्ध करानेवाले अधिकारियों के लिए दंड का प्रावधान किया जाता है।
भारत में मध्य प्रदेश राज्य ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम २०१० (म प्र) के द्वारा सबसे पहले यह कानून लागू किया। अब बिहार, पंजाब, झारखण्ड उत्तराखंड में भी यह नियम लागू है। दिल्ली और केरल सरकारें यह नियम लागू करने जा रही हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- लोक सेवा गारंटी अधिनियम २०१० (म प्र)
- शिक्षा का अधिकार
- सूचना का अधिकार
- उपभोक्ता अधिकार
- उत्तराखंड सेवा का अधिकार अधिनियम
२०११
बाहरेए कडियाँ
संपादित करें- लोकसेवा अधिकार कानून से रिश्वतखोरी पर लगेगा लगाम!
- सेवा का अधिकार : चुनौतियां अपार[मृत कड़ियाँ]
- BIHAR RIGHT TO PUBLIC SERVICES ACT, 2011
- पंजाब में भी 'सेवा का अधिकार' कानून लागू[मृत कड़ियाँ]
- पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा सेवा का अधिकार (राइट टू सर्विस) विधेयक-2011 को मंजूरी
- Jharkhand passes Right to Service Bill[मृत कड़ियाँ]
- झारखण्ड राज्य सेवा देने की गारंटी विधेयक, 2011 (विधेयक प्रारूप)
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