सैक्सोनी जर्मनी का एक प्रान्त है। यह यूरोप का किसी काल का शक्तिशाली राज्य है जिसने अब पूर्वी जर्मनी के दक्षिणी पूर्वी प्रांत के रूप में अपना अस्तित्व बना रखा है। इसके दक्षिण पूर्व में चेकोस्लोवाकिया राज्य, पूर्व में नीसा नदी, जो इसे पोलैंड से पृथक् करती है, उत्तर में प्रशा प्रदेश तथा पश्चिम में थूरिंजिया एवं दक्षिण में बवेरिया के प्रांत स्थित हैं। इस प्रांत की अधिकतम लंबाई पूर्व पश्चिम में लगभग १३० मील एवं चौड़ाई उत्तर दक्षिण में लगभग ९३ मील तथा इसका क्षेत्रफल ५७८९ वर्ग मील है।

सैक्सोनी

परिचय संपादित करें

उत्तरी भाग को छोड़कर प्रांत का अधिकांश यूरोप के मध्यवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित है। ये पर्वत परमोकाखोनीफेरस युग में निर्मित मोड़दार पर्वतों के अवशेष के रूप में है। दक्षिणी सीमा पर अर्जवर्ग (Erzgeberg) की श्रेणी ९० मील लंबी है जिसकी सर्वोच्च चोटी फिटबर्ग (Fichteberg) ३९७९ फुट ऊँची है। दक्षिणी एवं पश्चिमी भाग में इसी की उप श्रेणियाँ फैली हुई हैं जिन्हें मध्य सैक्सनी की श्रेणी एवं ओस्याज (Oschatz) की श्रेणी कहते हैं। दक्षिणी पूर्वी भाग में २६०० फुट तक ऊँची लुसाटिया पर्वत श्रेणी है। इनके उत्तर पूर्व में एल्ब नदी के दोनों ओर आकर्षक सैक्सन स्विट्जरलैंड स्थित हैं। इस पत्थर के चट्टानी प्रदेश में जल एवं हिमानी क्षरण द्वारा गहरी नदी घाटियों एवं छिन्न-भिन्न पर्वत शिखरों का निर्माण हुआ है जिनकी अधिकतम ऊँचाई १८०५ फुट है। लिलिंस्टीन, कोनिंग्स्टीन एवं वास्टी अपेक्षाकृत अधिक आकर्षक है। सैक्सनी प्रांत की मुख्य नदी एल्ब है जिसका ७२ मील लंबा मार्ग नव्य है। इसी की सहायक म्यूल्डे अन्य उल्लेखनीय नदी है। एल्ब रिमेन्सबर्ग पर्वत श्रेणी से निकलकर उत्तरी सागर में गिरती है। अन्य नदियाँ ब्लैक एल्स्टर, ह्वाइट एल्स्टर पनीजे, और स्प्री आदि हैं जो एल्ब की प्रणाली में ही सम्मिलित हैं। संपूर्ण क्षेत्र में झीलों का अभाव है। प्रदेश का एकमात्र खनिज स्रोत वोटलैंड के समीप वैड एल्स्टर पर है। जलवायु एल्ब, यूल्डे एवं पनीजे की घाटियों में सम पर अर्जबर्ग की उच्च भूमि में अति विषम है। औसत ताप ५ डिग्री सेल्सियस से १० डिग्री से. तक रहता है। अर्जबर्ग क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षा २७.५ इंच से ३३.५ इंच तक होती है। पश्चिमोत्तर दिशा में मात्रा क्षीण होती जाती है। लाइपजिंग में मात्र १७ इंच रह जाती है।

सैक्सनी के मैदानी भाग की मिट्टी अधिक उपजाऊ है। कृषि की इस क्षेत्र में विशेष उन्नति हुई है। दक्षिण की ओर पठारी एवं पहाड़ी भागों पर उर्वरता एवं कृषि व्यवसाय भी क्षीण होता जाता है। आधुनिक कृषि पद्धति का प्रादुर्भाव प्राय: १८३४ ई. से माना जा सकता है जब चकबंदी कानून लागू किया गया। कृषि के लिए मिसेन, ग्रिम्मा, वाट्जन, डबेलन एवं पिर्ना के समीपवर्ती क्षेत्र अधिक उपयुक्त हैं। प्रदेश की मुख्य उपज राई एवं ओट है। गेहूँ एवं जौ का कृषि क्षेत्र अपेक्षाकृत कम है। वोग्टलैंड में आलू एवं अर्जेबोवर्ग एवं लुसारिया में सन (flax) की कृषि विशेष प्रसिद्ध है। सन की उपज के कारण ही प्राचीन काल में इस क्षेत्र में लिलेन कपड़ा बुनने का व्यवसाय गृह उद्योग हो गया था। वेरी, चेरीन, अनार की पैदावार, लाइपजिंग ड्रेस्डेन एवं कोल्डिज के समीपवर्ती क्षेत्रों में होती है। मिजेन एवं ड्रेस्डेन के निकट एल्ब के तटवर्ती भागों में अंगूर की कृषि धीरे-धीरे अपना महत्व खोती जा रही है। छठी शताब्दी से ही प्रचलित पशुचारण अब भी अर्जगेबर्ग एवं वोगरलैंड के चरागाहों पर होता है। १७६५ ई. में ३०० स्पेन की नर भेड़ों द्वारा नस्ल सुधारने के उपरांत यहाँ की भेड़ों एवं ऊन की माँग विश्व में बढ़ गई थी पर अब यह धीरे-धीरे क्षीण होती जा रही है। सूअर, हंस, मुर्गे एवं मुर्गियाँ अब खाद्य पदार्थों में प्रयुक्त हो रही है। सैक्सनी में वन संपत्ति भी प्रचुर मात्रा में है जो वोटलैंड एवं अर्जगेवर्ग में है।

इस प्रदेश में चाँदी का उत्पादन १२वीं सदी से ही हो रहा है और अर्जेंटीफेरस लेड अब भी खनिजों में महत्वपूर्ण है। अन्य खनिजों में टिन, लोहा, कोबाल्ट, कोयला, ताँबा, जस्ता एवं विस्मथ है। मध्यम कोटि के कोयले का भंडार एवं उत्पादन यहाँ यूरोप के सभी राज्यों से अधिक होता है। खनिज पदार्थों के चार प्रमुख क्षेत्र हैं:

  • (१) फ्रीबर्ग क्षेत्र जहाँ का प्रमुख खनिज सीस एवं चाँदी है,
  • (२) अल्टेनबर्ग क्षेत्र, जिसकी विशेषता टिन उत्पादन में है,
  • (३) स्नीबर्ग, जहाँ कोबाल्ट, निकेल एवं लौह प्रस्तर (Iron stone) निकाला जाता है, एवं
  • (४) जोहान जार्जेस्टाड क्षेत्र, जहाँ चाँदी एवं लौह प्रस्तर मुख्य हैं।

कोयला उत्पादन का मुख्य क्षेत्र ज्विकाऊ एवं ड्रेस्डेन हैं। पीठ कोयला अर्जगेबर्ग में मिलता है। यह क्षेत्र कोयले का निर्यात भी करता है। इन खनिजों के अतिरिक्त इमारती पत्थर एवं पोर्सलीन क्ले (चीनी मिट्टी) क्रमश: एल्ब की उच्च भूमि एवं मिजेन के समीप पाए जाते हैं।

इस प्रांत की मध्यवर्ती स्थिति एवं जल विद्युत शक्ति ने क्रमश: व्यापार एवं उद्योगों को बढ़ाया है। ५०% से अधिक शक्ति जल विद्युत की है। इसमें म्यूल्डे नदी का अंश सर्वोच्च है। लाइपजिंग विश्व मेला एवं प्रशासकों की नीति ने भी व्यापार एवं उद्योग के संसाधनों के उपयोग को बढ़ाया है। वस्त्रोद्योग यहाँ का विशेष प्रसिद्ध उद्योग है। ज्विकाऊ, केमिनिट्ज (कार्ल मार्क्स स्टाड) ग्लाकाऊ, मिरेन, होहेन्स्टीन, कामेंज, पुल्सनिट्स विस्काफवर्डा में सूत एवं कपड़े की मिले हैं। केमिनिट्ज में होजिरी, वोटलैंड में मस्लिन, कामेंज, विस्काफेन वर्डा एवं ग्रासेनहेन में ऊनी वस्त्रोद्योग, केमिनिट्ज, ग्लाकाऊ, मीरेन, रिचेतवाक में अर्ध ऊनी वस्त्रोद्योग एवं लुसाटिया में लिलेन वस्त्रोद्योग प्रसिद्ध है। गोट ल्यूगा एवं लाक विज के मध्यवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों की ढालों पर मुख्य व्यवसाय स्ट्रा प्लोटिंग है। लाइपजिंग में मोमजामा (Wax cloth) बनाया जाता है। पत्थर एवं मिट्टी के बर्तन केमिनिट्ज, ज्विकाऊ, वाजेन एवं मिजेन में बनते हैं। लाइपजिंग एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में रासायनिक उद्योग एवं सिगार, डल्विन, वर्डाऊ एवं लासनिज में चर्म उद्योग एवं व्यापार तथा लाइपजिंग, ड्रेस्डेन, केमिनिट्ज में हैट आदि बनते हैं। पश्चिम जर्मनी में कागज बनाने का उद्योग केमिनिट्ज एवं ड्रेस्डेन में मशीनों का निर्माण कार्य होता है। केमिनिट्ज एक बृहद् लौह इस्पात उद्योग केंद्र है। यहाँ वाष्प इंजिन, जलयान आदि बनाए जाते हैं पर लोहा अन्य क्षेत्रों से ही मँगाना पड़ता है। सैक्सनी के निर्यात व्यापार में ऊन, ऊनी वस्तुएँ, लिलेन के सामान, मशीनें, चीनी मिट्टी के सामान, सिगरेट, फ्लानेल, पर्दे, लेस, घड़ियाँ और खिलौना का विशेष हाथ है।

१२वीं शताब्दी में सैक्सनी पूर्व में एल्ब से पश्चिमें राइन नदी तक फैला हुआ था। धीरे-धीरे केवल पूर्वी भाग ही रह गया। यहाँ के प्रशासकों द्वारा स्थापित चार विश्वविद्यालयों लाइपजिंग, जेना, विहेनबर्ग एवं अर्फर्ट में से केवल प्रथम ही अब इस प्रांत में रह गया है। सैक्सनी में औद्योगिक शिक्षण संस्थानों की अधिकता है। इसमें टेक्सटाइल्स उद्योग, माइनिंग प्रशिक्षण केंद्र एवं वन विद्यालय विशेष प्रसिद्ध हैं।

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