जनतन्त्र के असफ़ल होने पर सैनिक शासन की शुरुआत हो जाती है। जन्तन्त्र के असफ़ल होने के मुख्य कारणों मे , सामाजिक, और स्थान-विशेष के प्रति होने वाले आपसी मतभेदों का कारण ही माना जाता है। धर्म की व्यवस्था और अपने अपने धर्म के प्रति सर्वोच्चता देना भी जन्तन्त्र के ऊपर कुठाराघात जैसा है। सामाजिक व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिये सैनिक शासन का प्रयोग किया जाता है। और जो असामाजिक ताकतें बल पूर्वक अपनी बात को मनवाने का प्रयत्न करती हैं, उन्हें सैनिक शासन के दौरान बल पूर्वक दबा दिया जाता है।