सैन्सी हीरा विश्व के बड़े आकार के हीरों में से है। इस हीरे का नाम इसके एक स्वामी सीग्नियुर डि सैन्सी के नाम पर पड़ा, जो १६ वीं शताब्दी में तुर्की में फ़्रान्सीसी राजदूत था।

सैन्सी
भार ५५.२३ कैरट (११.०४६ ग्राम)
रंग धुँधला पीला
कटाव शील्ड कट, शानदार संशोधित आकार
मूल देश भारत
मूल खादान अज्ञात
खोज तिथि १५७० से पूर्व
तराशक अज्ञात
मूल स्वामी अज्ञात
वर्तमान स्वामी लोउव्र, पेरिस, फ़्रान्स
अनुमानित मूल्य अज्ञात

इस हीरे का प्रथम स्वामी चार्ल्स बोल्ड था, जो बुर्गुण्डी का ड्यूक था और उसने यह हीरा १४७७ में हुए एक युद्ध में खो दिया। उसने यह हीरा फ़्रान्सीसी राजा, हेनरी तृतीय को उधार दिया, जिसे राजा ने अपने मुकुट पर लगाया जिसे वह अपने गंजेपन को छिपाने के लिए पहना करता था। फ़्रान्स के एक अन्य राजा हेनरी पंचम ने भी सैन्सी से यह हीरा उधार लिया, लेकिन १६६४ में इस हीरे को इंग्लैण्ड के जेम्स प्रथम को बेच दिया गया। सन १६६८ में, इंग्लैण्ड का राजा जेम्स द्वितीय इस हीरे को लेकर पेरिस भाग गया और उसके बाद यह हीरा गायब हो गया और उसके बाद बहुत समय तक यह अज्ञात रहा।

अब यह हीरा पैरिस के लोउव्र में है। सैन्सी का भार ५५ कैरट है जो इसे विश्व के बड़े हीरो में छोटे आकार का हीरा बनाता है।

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