सैय्यद मोहम्मद बाकर दोरचेही

सैय्यद मोहम्मद बाकर दोरचेही (1847-1923) एक शिया न्यायविद् थे

सैय्यद मोहम्मद बाकर दोरचेही, 19वीं और 20वीं सदी के शिया न्यायविदों में से एक और इस्फ़हान मदरसा के प्रोफेसरों में से एक थे। उन्होंने नजफ़ में मिर्ज़ा शिराज़ी और मिर्ज़ा हबीबुल्लाह रश्ती के साथ और इस्फ़हान में मोहम्मद बघेर खानसारी के साथ अध्ययन किया। उनके छात्रों में सैयद अबोलहसन एस्फहानी और होसैन बोरुजेर्डी हैं.[1]

सैय्यद मोहम्मद बघेर दारचेई का जन्म 1847 एएच में इस्फ़हान के लेनजान के दारचे गांव में हुआ था। उनका वंश इमाम मूसा काज़म (अ.स.) तक जाता है। उनके पिता मोर्तेज़ा और उनके भाई मुहम्मद हुसैन और मुहम्मद महदी धार्मिक विद्वान थे। महदी नजफ़ के विद्वानों में से एक थे और फ़िक़्ह और इस्फ़हान के सिद्धांतों के प्रसिद्ध शिक्षकों में से एक थे। उनके दादा, मोहम्मद मिर्लोही सब्ज़वेरी, सफ़ाविद काल में इस्फ़हान के महान विद्वानों में से एक थे और मोहम्मद तागी मजलिसी के समकालीन थे। दारचेई की मृत्यु 1923 ई. में दारचे में हुई। उनके शरीर का दारचेह से इस्फ़हान तक अंतिम संस्कार किया गया और तख्त फौलाद कब्रिस्तान में दफनाया गया।.[2]

दारचेई के कुछ सबसे प्रसिद्ध छात्र हैं:

सैयद अबुलहसन इस्फ़हानी, हज आगा होसैन बोरुजेर्डी, मिर्ज़ा हसन जाबरी अंसारी, मिर्ज़ा अली आगा शिराज़ी, मोहम्मद हसन आगा नजफ़ी कुचानी, सैयद जमालुद्दीन गोलपैगानी, सैयद हसन मोदारेस और हज आगा रहीम अरबाब।.[3]