सोग्याल रिनपोछे (Sogyal Rinpoche ; བསོད་རྒྱལ་ / बसोद रग्यल) (जन्म: 1947) तिब्बत के न्यिंगमा सम्रदाय के एक जोगछेन लामा हैं। वे पिछले ३० से अधिक वर्षों से यूरोप, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और एशिया में घूमघूमकर धार्मिक शिक्षा दे रहे हैं। [1] वे 'रिग्पा' नामक आध्यात्मिक संगठन के संस्थापक भी हैं जो विश्व के २३ से अधिक देशों के १०० से अधिक बौद्ध केन्द्रों का अन्तरराष्ट्रीय नेटवर्क है। उन्होने 'द तिबतन बुक ऑफ लिविंग ऐण्ड डाइंग' नामक एक पुस्तक भी लिखी है जो सर्वाधिक विक्रय होने वाली पुस्तकों में सम्मिलित है। यह पुस्तक विश्व के ५६ देशों की ३० भाषाओं में छप चुकी है।[2]

सोग्याल रिनपोछे
Sogyal Rinpoche
धर्म तिब्बती बौद्धधर्म
पाठशाला Dzogchen, Nyingma
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ
जन्म 1947 (आयु 76–77)
खाम, तिब्बत
पद तैनाती
उपदि रिनपोछे
धार्मिक जीवनकाल
गुरु Jamyang Khyentse Chökyi Lodrö, Dudjom Rinpoche, Dilgo Khyentse Rinpoche, Nyoshul Khen Rinpoche
पुनर्जन्म Tertön Sogyal
शिष्य Patrick Gaffney, Christine Longaker, Charles Tart, Arabella Churchill, Matteo Pistono
वेबसाइट www.rigpa.org

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Rigpa.org: Sogyal Rinpoche". मूल से 1 जुलाई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अक्तूबर 2016.
  2. "Rigpa.org: The Tibetan Book of Living and Dying". मूल से 14 जून 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अक्तूबर 2016.