सोनम मलिक (जन्म 15 अप्रैल 2002) सोनीपत, हरियाणा की एक भारतीय पहलवान हैं.[1] राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा, उन्होंने विश्व कैडेट कुश्ती चैम्पियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते हैं. मलिक ने 2016 के रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और हमवतन साक्षी मलिक को दो बार हराया है.[1] व्यक्तिगत जीवन और पृष्ठभूमि मलिक का जन्म 15 अप्रैल 2002 को हरियाणा के सोनीपत के मदीना गाँव में हुआ था. उनके पिता और एक चचेरे भाई पहलवान हैं.[1] उनके पिता ही अपने गाँव के नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में युवा सोनम मलिक को कोच अजमेर मलिक से प्रशिक्षण दिलाने ले गए. लेकिन यहाँ सुविधाओं का अभाव था और कोचिंग एकेडमी में कुश्ती के लिए मैट तक उपलब्ध नहीं थे. खिलाड़ियों को मिट्टी पर ही प्रशिक्षित करना पड़ता था. बारिश के दिनों में मैदान में कीचड़ हो जाता था, जिससे खिलाड़ियों को सड़कों पर अभ्यास करने के लिए मजबूर होना पड़ता था. अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के बावजूद, यहाँ प्रशिक्षण अच्छा था. सोनम मलिक 2017 में एक टूर्नामेंट के दौरान चोटिल हो गईं. उनके कंधे पर चोट आई थी. चोट इतनी ज़बरदस्त थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. डेढ़ साल तक उनका इलाज चलता रहा. चोट से उबरने के बाद उन्होंने दोबारा खेलना और जीतना शुरू किया.[2] खेलने के साथ साथ फिलहाल मलिक आर्ट्स में स्नातक भी कर रही हैं.

सोनम मलिक
व्यक्तिगत जानकारी
राष्ट्रीयता भारतीय
जन्म 15 अप्रैल 2002 (2002-04-15) (आयु 22)
सोनीपत, हरयाणा, भारत
खेल
देश भारत
खेल फ्रीस्टाइल कुश्ती
प्रतिस्पर्धा 62 किलो

मलिक राष्ट्रीय पटल पर नैशनल स्कूल गेम्स 2016 में स्वर्ण पदक के साथ उतरीं. अगले साल उन्होंने कैडेट नैशनल चैंपियनशिप में रजत पदक जीता. फिर वर्ल्ड स्कूल गेम्स में स्वर्ण पदक, कैडेट एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य और साल का अंत कैडेट वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण के साथ किया. 2018 में मलिक ने कैडेट एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप और कैडेट रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किए. 2019 में मलिक ने कैडेट वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में एक बार फिर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इस महिला पहलवान के लिए बड़ा मौका 2020 में आया जब उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक को दो महीने के दौरान दो बार हरा दिया. इसमें से पहली जीत उन्हें जनवरी में एशियन चैंपियनशिप के ट्रायल में मिली. बाद में एशियन ओलंपिक क्वालिफायर्स के चयन में फ़रवरी में मलिक फिर जीत गईं जब साक्षी दंगल के दौरान खुद को संभाल नहीं सकीं और गिर पड़ीं.[3][4] ओलंपिक में एथलीट को पदक जीतने में सहायता करने वाली गैर लाभकारी संस्था ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट सोनम मलिक को प्रायोजित कर रही है.[5]

  • कांस्य पदकः 2023 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप[6]
  • कांस्य पदकः 2022 एशियाई खेल[7]
  • स्वर्ण पदकः कैडेट वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2019
  • रजत पदकः कैडेट एशियन चैंपियनशिप 2019
  • कांस्य पदकः कैडेट एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप 2018
  • कांस्य पदकः कैडेट वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2018
  • स्वर्ण पदकः कैडेट वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2017
  • स्वर्ण पदकः वर्ल्ड स्कूल गेम्स 2017
  • कांस्य पदकः कैडेट एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप 2017
  1. "सोनम मलिक: ओलंपिक मेडल जीतने का सपना देखने वाली पहलवान". बीबीसी हिन्दी. 18 जनवरी 2021. मूल से 2 नवम्बर 2024 को पुरालेखित.
  2. "Sonam Malik wrestled with paralysis to see out her destiny". olympics.com.
  3. "Sonam Malik stuns Sakshi Malik in trials". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (अंग्रेजी में). प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया. 4 जनवरी 2020.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  4. "Sonam Malik downs Sakshi again, makes cut for Olympic qualifiers". Sportstar (अंग्रेजी में). 26 फरवरी 2020.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  5. "Sushil Sir inspires me to work harder: Sonam Malik". The Bridge.
  6. "Asian Wrestling Championships 2023: Anshu, Sonam, Manisha, Reetika bag bronze while Antim claims silver". ईएसपीएन (अंग्रेजी में). प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया. 13 अप्रैल 2023. मूल से 2 नवम्बर 2024 को पुरालेखित.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  7. भूपेंद्र, सिंह (6 अक्टूबर 2023). "एशियन गेम्स: कुश्ती में सोनीपत की सोनम ने दिलाया कांस्य, बजरंग की हार से कुश्ती प्रेमियों में निराशा". अमर उजाला. मूल से 2 नवम्बर 2024 को पुरालेखित.