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सोमनाथ जुत्शी (8 जून 1944-16 फरवरी 2014)[1] कश्मीरी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह येली फ़ोल गाश के लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया।[2] वह प्रशिक्षण से एक मनोविश्लेषक भी थे जिन्होंने सिनेमा का अध्ययन और लेखन किया था। उन्होंने सोमनाथ होरे, मृणाल सेन और बनफूल की रचनाओं का अनुवाद किया, जिसमें बनफूल 'वाइल्डफायर' (सीगल बुक्स, 2018 [1999])[3][4] शामिल हैं।