सोमयज्ञ
एक वैदिक यज्ञ है जिसका वर्णन यजुर्वेद में मिलता है। यजुर्वेद के चौथे अध्याय से दसवें अध्याय तक के अध्यायों में सोमयाग, के मन्त्रों का संग्रह है। यह यज्ञ कात्यायन श्रोत सूत्र में प्रतिपादित है
और सप्तम अध्यायमें इसका वर्णन होता है तथा इसमें 16 प्रकार के ऋत्विक होते है[1]
- ↑ रानी, शिखा (2018-07-31). "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नारद भक्ति सूत्र एवं षाण्डिल्य भक्ति सूत्र में भक्ति के साधनों का तुलनात्मक अध्ययन". Dev Sanskriti Interdisciplinary International Journal. 12: 15–21. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 2582-4589. डीओआइ:10.36018/dsiij.v12i0.101.