एक वैदिक यज्ञ है जिसका वर्णन यजुर्वेद में मिलता है। यजुर्वेद के चौथे अध्याय से दसवें अध्याय तक के अध्यायों में सोमयाग, के मन्त्रों का संग्रह है।