सोली सोराबजी

भारतीय वकील

सोली जहांगीर सोराबजी भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल रहे हैं। सोराबजी पहले 1989 से 1990 तक अटॉर्नी जनरल रहे थे। इसके बाद उन्होंने साल 1998 से 2004 तक यह जिम्मेदारी निभाई थी।[1]

प्ररंभिक जीवन संपादित करें

सोली सोराबजी का जन्म साल 1930 में बॉम्बे में हुआ था। उन्होंने साल 1953 से बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दिया था। सोली सोराबजी साल 1971 में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर काउंसिल बन गए थे[1]

निधन संपादित करें

सोली सोराबजी का 91 वर्ष आयु में 30 अप्रेल 2021 को कोरोना वायरस के कारण निधन हुआ । इससे पूर्व कुछ दिनों से वो इस संक्रमण से पीड़ित थे। करीब 70 सालों तक कानून के क्षेत्र से जुड़े रहे। सोराबजी ने देश के अटार्नी जनरल का पद दो बार संभाला। वकालत के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए वर्ष 2002 में उन्हें पद्म विभूषण का सम्मान भी मिला था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोराबजी के निधन पर शोक जताते हुए कहा, 'वह उन लोगों में से थे जिनकी भारत के संवैधानिक कानूनों के विस्तार में प्रमुख भूमिका रही[2]।'

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें