सोल्जर

1998 की अब्बास-मस्तान की फ़िल्म
(सोल्जर (1998 फ़िल्म) से अनुप्रेषित)

सोल्जर 1998 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन-थ्रिलर फ़िल्म है। इसमें राखी गुलज़ार, बॉबी देओल तथा प्रीति ज़िंटा ने अहम किरदार निभाया है। इसे 1998 में रिलीज़ किया गया था और बॉक्स ऑफिस इंडिया द्वारा 'सुपर हिट' घोषित किया गया था।[1] यह भारत में साल की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई थी। यद्यपि सोल्जर प्रीति जिंटा की पहली फिल्म थी, मणिरत्नम की दिल से सोल्जर से पहले रिलीज हो गई और इस प्रकार प्रीति के फिल्मी सफर की शुरुआत हुई।

सोल्जर

सोल्जर का पोस्टर
निर्देशक अब्बास-मस्तान
लेखक जावेद सिद्दिकी (संवाद)
पटकथा सचिन भौमिक
श्याम गोयल
कहानी श्याम गोयल
निर्माता कुमार तौरानी
रमेश तौरानी
अभिनेता राखी गुलज़ार,
बॉबी देओल,
प्रीति ज़िंटा
छायाकार थोमस जेवियर
संपादक हुसैन बर्मावाला
संगीतकार गीत:
अनु मलिक
पार्श्व संगीत:
सुरिन्दर सोधी
वितरक टिप्स म्यूजिक फिल्म्स
प्रदर्शन तिथियाँ
20 नवंबर, 1998
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

एक दिन कुछ तस्कर मिलकर मेजर विजय (पंकज धीर) की गोली मार कर हत्या कर देते हैं। वे तस्कर और कोई नहीं, बल्कि सेना में काम करने वाले प्रताप सिंह (सुरेश ओबरॉय), विरेन्दर सिन्हा (दलीप ताहिल) और जसवंत दलाल (सलीम घोष) होते हैं, जो हथियारों और गोला बारूद की विरेन्दर सिन्हा के भाई, बलदेव सिन्हा (शरत सक्सेना) की मदद से तस्करी करते रहते हैं। बाद में पुलिस को पता चलता है कि मेजर विजय को मारने वाला और तस्कर गिरोह का सरगना डीके है।

बीस साल बाद

मुंबई पुलिस को ऑस्ट्रेलिया के इंटरपोल ब्रांच से एक फ़ैक्स आता है कि वो एक तस्कर, जसवंत दलाल की तलाश कर रही है, जो भारत आ चुका है। उसे जीवित पकड़ने का काम एसीपी दिनेश कपूर (आशीष विद्यार्थी) को दिया जाता है, जो मरने वाले मेजर विजय मल्होत्रा का पुराना दोस्त रहता है। दिनेश उस फैक्स की कॉपी वो मेजर विक्की (बॉबी देओल) को भेजता है और जसवंत को पकड़ कर लाने बोलता है। विक्की उसे पकड़ लेता है और दिनेश के हवाले कर अपने अगले गुप्त मिशन को पूरा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया चले जाता है।

ऑस्ट्रेलिया में विरेन्दर, बलदेव और प्रताप अपनी पहचान छुपा कर जिंदगी बिताते रहते हैं। वहीं मिशन पूरा करते हुए विक्की की मुलाक़ात प्रताप सिंह की बेटी, प्रीति (प्रीति जिंटा) से होती है। वो प्रीति को पटाने में लग जाता है, जिसकी बलदेव सिन्हा के बेटे, जोजों से मंगनी हुए रहती है। प्रीति के जरिये वो प्रताप सिंह से मिलता है और उसे सपने दिखाता है कि वो उसे और भी शक्तिशाली बना देगा, जिसकी वो कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था। वहीं विक्की से जोजो जलने लगता है कि वो उसकी मंगेतर को अपना बना लिया। वो उसके अपार्टमेंट में आ कर तोड़फोड़ करता है। जब ये बात विक्की को पता चलती है तो वो भी जोजो के पिता के घर आ कर तोड़फोड़ करता है और उसके कई लोगों को भी मार देता है।

बलदेव ये बात अपने भाई विरेन्दर को बताता है, जो विक्की को मारने का आदेश दे देता है। जब विक्की अपनी माँ से हवाई अड्डे में मिलने जाता है तो उन्हें पता चलता है कि उसकी माँ और कोई नहीं, बल्कि विरेन्दर की पूर्व पत्नी, शांति (फरीदा जलाल) है। उन्हें एहसास हो जाता है कि वो विरेन्दर का बेटा है तो उसे मारना छोड़ कर उसे भी गैंग का हिस्सा बना दिया जाता है। कुछ महीने बाद विक्की को विरेन्दर उस जगह ले जाता है, जहाँ उसने प्रताप, जसवंत और डीके की गुप्त जानकारी फाइलों में कैद रखी है। सारी जानकारी मिलने के बाद वो उसे मार देता है और इसका आरोप प्रताप पर लगा देता है और बलदेव ये बात जान कर प्रताप को मारने की कोशिश करता है, पर नाकाम रहता है।

वो प्रताप को बताता है कि वो विरेन्दर का बेटा नहीं है, बल्कि डीके के आदेश पर विरेन्दर, प्रताप और जसवंत को मारने आया था। वो प्रताप से कहता है कि उसे अपराध की दुनिया का बादशाह बनाने के लिए दोनों को भारत में जा कर डीके को मारना पड़ेगा। प्रताप उसकी बात मान लेता है। पर ये बात प्रीति सुन लेती है और शांति को सारी बात बता देती है। शांति उससे कहती है कि वो जानती है कि विक्की उसका बेटा नहीं है। वो उसे बताती है कि विक्की असल में मेजर विजय मल्होत्रा का बेटा, राजू है, जिससे उसके सारे मेडल छीन लिए गए थे। वो बस अपने पिता का सम्मान वापस लाने की कोशिश कर रहा है। ये बात जानकर प्रीति भी उसकी मदद को तैयार हो जाती है।

राजू फोन पर दिनेश को बताता है कि वो प्रताप को भारत ला रहा है और डीके की सही पहचान भी उसे हो गई है। वो राजू की मदद करने के लिए जसवंत को रिहा कर देता है। राजू उन दोनों के सारे गुंडों को पुलिस की मदद से मार देता है और वो दोनों पकड़े जाते हैं। उन दोनों के गवाही से मेजर विजय मल्होत्रा के सर से सारे दाग हट जाते हैं। राजू, उसकी माँ और प्रीति इंसाफ मिलने से खुश हो जाते हैं और इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."हम तो दिल चाहें तुम्हारा"कुमार सानु, हेमा सरदेसाई5:24
2."महफिल में बार बार"अलका याज्ञिक, कुमार सानु5:46
3."मेरे दिल जिगर से गुजरी है"कुमार सानु, अलका याज्ञिक5:38
4."मेरे ख्वाबों में जो आए"अलका याज्ञिक4:29
5."मेरी साँसों में समाएँ"सोनू निगम4:29
6."सोल्जर सोल्जर मीठी बातें"अलका याज्ञिक, कुमार सानु6:21
7."तेरा रंग बल्ले बल्ले"सोनू निगम, जसपिंदर नरूला4:56
8."सोल्जर सोल्जर" (वाद्य संगीत)N/A6:16
9."थीम ऑफ़ सोल्जर" (वाद्य संगीत)N/A4:51
कुल अवधि:48:10

नामांकन और पुरस्कार संपादित करें

वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
1999 अनु मलिक फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार नामित
अकबर बख्शी फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ एक्शन पुरस्कार जीत

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "पहली बार बेटे धरम देओल के साथ नजर आए बॉबी देओल, वीडियो हुआ वायरल". NDTVIndia. 15 जून 2018. मूल से 26 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 नवम्बर 2018.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें