सौंख (Saunkh) या सोंख (Sonkh) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। यहाँ के राजा हठी सिंह जाट ने यहाँ के दुर्ग के समीप तीन किलेनुमा हवेलियाँ बनवाई थी, जो सुरंगों द्वारा दुर्ग से हुड़ी थीं। इनमें से दो तो नष्ट हो चुकी हैं लेकिन तीसरी अभी अस्तित्व में है।[1][2]

सौंख
Saunkh
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नागा राजदरबार, सौंख में 100 ईसवी काल की कला
नागा राजदरबार, सौंख में 100 ईसवी काल की कला
सौंख is located in उत्तर प्रदेश
सौंख
सौंख
उत्तर प्रदेश में स्थिति
निर्देशांक: 27°23′42″N 77°29′38″E / 27.395°N 77.494°E / 27.395; 77.494निर्देशांक: 27°23′42″N 77°29′38″E / 27.395°N 77.494°E / 27.395; 77.494
देश भारत
राज्यउत्तर प्रदेश
ज़िलामथुरा ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल9,556
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

पुरातत्व संपादित करें

सन् 1969-70 काल में यहाँ खुदाई में यहाँ कई अवशेष मिले जो अब मथुरा संग्रहालय में देखे जा सकते हैं। यह 150-50 ईसापूर्व काल के हिन्द-यवन राज्य नागवंशी जाट, कुषाण जाट, अर्जुनायन जाट मित्र वंश (मथुरा के समीप का एक जाट राजवंश) के राजा गोमित्र व उनके बाद के शासकों के अवशेष हैं।

जाट सम्राट अनंगपाल तोमर के दादा गोपालदेव तोमर का यहां शासन रहा जो मथुरा के प्रतापी जाट राजा थे ।

जाट राजा अनंगपाल तोमर का जन्म सौंख के कुंतल जाट कुल में 1030 ईसवी में हुआ ।

सौंख किला 18 वी शाताब्दी के मुस्लिम और जाट युद्धों का साक्षी रहा है । सन 1777 में अफगान मिर्जा नज़फ खां ने 70000 मुगल, पठान और फ्रांसीसी सेना के साथ मिलकर कुंतल जाट राजा तोफा सिंह पर हमला किया जिसमे मात्र 5 हजार जाट मल्ल योद्धाओं ने 70 हजार पठानों मुगलों के दांत खट्टे कर दिए और करीब 35000 पठानों मुगलों फ्रांसीसी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया ।

1688 से 1736 तक राजा हाथी सिंह यहां के सबसे शक्तिशाली राजा रहे जिन्होने औरंगजेब से ब्रज के सम्पूर्ण क्षेत्र को मुक्त कराया व मुगलों के समस्त सेनापति, जागीरदार, और सूबेदारों को परास्त किया।

आमेर के राजा बिशन सिंह कच्छवाहा से जयपुर के आसपास के क्षेत्र जीते और जयसिंह को मथुरा के समीप परास्त करके जाट ताकत का लोहा मनवाया।

सौंख रियासत के राजा हाथी सिंह अधिकार में करौली, भरतपुर, दौसा, रैनी, बसवा, अलवर, फरीदाबाद, नूह, मथुरा, पलवल, खुर्जा, अलीगढ़, चंदौस, खैर, राजगढ़, फरह, कोसी, तावडू, घासेरा, आदि सामरिक परगने आते थे।

राजा हाथी सिंह ने मुगलों और उनके सहयोगी राजपूत राजाओं को करीब 26 युद्धों में परास्त किया।

जनवरी 1716 की मेवात विजय इनकी महत्वपूर्ण विजय थी ।

सौंख क्षेत्र कुंतल जाटों के शौर्य और वीरता का साक्षी रहा है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  2. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
  3. Harle, James C. (1994). The Art and Architecture of the Indian Subcontinent (अंग्रेज़ी में). Yale University Press. पृ॰ 59. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-300-06217-5.