सौर कलंक (अंग्रेज़ी: Sunspots), सूर्य के प्रकाश मंडल की अस्थायी घटनाएं हैं। जब सूर्य के किसी भाग का ताप अन्य भागों की तुलना में कम हो जाता है तो धब्बे के रूप में दिखता है, इसे सौर कलंक कहते हैं। इस धब्बे का जीवनकाल कुछ घंटे से लेकर कुछ सप्ताह तक होता है। कई दिनों तक सौर कलंक बने रहने के पश्चात रेडियो संचार में बाधा आती है।[1]

22 जून 2004 को प्रतिबिंबित सौर कलंक की एक छवि।
विस्तृत दृश्य, 13 दिसम्बर 2006

सौर्य धब्बा चक्र में 11 -12वर्षो के अंतराल में परिवर्तन होता रहता है जिससे सौर स्थिरांक में लगभग 2% (नगण्य) परिवर्तन से सूर्यातप में भी परिवर्तन होता है।