स्कैनिंग हीलियम माइक्रोस्कोप
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ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने विश्व का पहला स्कैनिंग हीलियम माइक्रोस्कोप निर्मित किया है।
परिचय
संपादित करेंऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने विश्व का पहला स्कैनिंग हीलियम माइक्रोस्कोप (एसएचइएम) निर्मित किया। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूकैसल के वैज्ञानिकों ने मई 2016 के तीसरे सप्ताह में घोषणा की थी।
सएचइएम (SHeM) की विशेषताएं
संपादित करें- इससे वैज्ञानिक मानव, पशु एवं पौधों पर शोध करने में सक्षम होंगे। इसके अतिरिक्त फर्मास्यूटिकल दवाओं एवं कम्प्यूटर उपकरणों पर भी बेहतर शोध हो सकेगी।
- इससे मिक्रोस्कोपिक स्तर पर शोध के अवसर प्राप्त होंगे।
- इससे सौर उर्जा, रक्षा, विस्फोटक एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी लाभ प्राप्त होगा।
- इससे वातावरण को नुकसान पहुंचाए बिना टॉक्सिक एवं रेडियोएक्टिव किरणों को भी रोका जा सकेगा।
पारंपरिक माइक्रोस्कोप बनाम सएचइएम
संपादित करेंपारंपरिक माइक्रोस्कोप में प्रकाश का उपयोग किया जाता है जिससे सैंपल को नुकसान होता है। सएचइएम इमेजिंग तकनीक है जो हीलियम आयन बीम पर कार्य करता है।
सएचइएम हीलियम आयन्स में बहुत अधिक चमक एवं कम डी ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य का प्रयोग करता है। इससे, जो डाटा प्राप्त होता है वह पारंपरिक माइक्रोस्कोप द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता।
सन्दर्भ
संपादित करें- https://web.archive.org/web/20160922065905/http://theconversation.com/new-helium-microscope-reveals-startling-details-without-frying-the-sample-59238
- https://web.archive.org/web/20170504015317/https://62e528761d0685343e1c-f3d1b99a743ffa4142d9d7f1978d9686.ssl.cf2.rackcdn.com/files/122045/width754/image-20160511-18152-z90z4o.jpg