स्टेन कोनो (17 अप्रेल 1867 – 29 जून 1948) नॉर्वे के एक भारतविद थे।

स्टेन कोनो

वे 1910 से क्रिट्याना विश्वविद्यालय में भारतविद्या-संबंधित वाङ्मीमांसा के प्रोफ़ेसर थे। फिर उन्होंने हैम्बर्ग विश्वविद्यालय में 1914 से काम करना शुरू किया जहाँ वे भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रोफ़ेसर थे। 1919 में वे ओस्लो लौट आए और भारतीय भाषाओं और इतिहास के प्रोफ़ेसर बन गए।

उन्होंने संस्कृत के प्रसिद्ध नाटककार एवं काव्यमीमांसक राजशेखर के प्राकृत नाटक कर्पूरमंजरी का अनुवाद किया था जिसे हारवर्ड ओरिएंटल सीरीज़ के चौथे अंक के तौर पर 1901 में छापा गया।

संदर्भ संपादित करें

  • obituary: G. Morgenstierne, "Sten Konow 1867–1948", Acta Orientalia 21 (1950), S. 3–9
  • obituary: C. S. Stang, "Nekrolog over professor dr. Sten Konow”, DNVA Årbok 1950, 1951, 29–36
  • obituary in: Epigraphica India 28 (1949), p. XIX

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