स्तनधारी
दुग्ध उत्पादक ग्रंथियों वाले जंतुओं का वर्ग
(स्तनपायी से अनुप्रेषित)
यह प्राणी जगत का एक समूह है, जो अपने नवजात को दूध पिलाते हैं जो इनकी (मादाओं के) स्तन ग्रंथियों से निकलता है। यह कशेरुकी होते हैं और इनकी विशेषताओं में इनके शरीर में बाल, कान के मध्य भाग में तीन हड्डियाँ तथा यह नियततापी प्राणी हैं। स्तनधारियों का आकार २९-३३ से.मी. (मधुमक्खी नुमा चमगादड़) से लेकर ३३ मी. (नीली व्हेल) तक होता है। स्तनधारी जीव यूरिया उत्सर्जित करते हैं जिन्हे युरियोटेलिक कहते है
स्तनधारी अथवा स्तनपायी सामयिक शृंखला: 220–0 मिलियन वर्ष Late ट्राइऍसिक – वर्तमान | |
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स्तनपाइयों के उद्धाहरण | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
अधिजगत: | सुकेन्द्रिक |
जगत: | जंतु |
संघ: | रज्जुकी |
(unranked) | क्रॅनिआटा |
उपसंघ: | कशेरुकी |
अधःसंघ: | ग्नॅथॉस्टोमॅटा |
अधिवर्ग: | चौपाये |
(unranked) | ऍमनिओटा |
वर्ग: | मॅमेलिआ लिनेयस, १७५८ |
Clades | |
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इन्हें भी देखें
संपादित करें- स्तनिकी (Mammalogy)
स्तन धारियों में ऊँट का शारीरिक तापमान एक दिन में बहुत परिवर्तित हो सकता है। ऊंट पूरे दिन के दौरान अपने शरीर के तापमान को 34 डिग्री सेल्सियस से लेकर 41.7 डिग्री सेल्सियस तक समंजित कर सकता है।
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