स्थानेश्वर महादेव मन्दिर

स्थानेश्वर महादेव मन्दिर हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर शहर में स्थित एक प्राचीन हिन्दू मन्दिर है। यह मंदिर भगवान शिव का समर्पित है और कुरुक्षेत्र के प्राचीन मंदिरों मे से एक है। मंदिर के सामने एक छोटा कुण्ड स्थित है जिसके बारे में पौराणिक सन्दर्भ अनुसार यह माना जाता है कि इसकी कुछ बूँदों से राजा बान का कुष्ठ रोग ठीक हो गया था। कहते हैं कि भगवान शिव की शिवलिंग के रुप में पहली बार पूजा इसी स्थान पर हुई थी। शिव महापुराण में इस स्थल का वर्णन मिलता है। जिसमे लिखा हुआ है की एक समय भगवान विष्णु जी और ऋषि दधीचि में युद्ध हुआ जिसमे शिव भक्त दधीचि की भक्ति की विजय हुई तथा विष्णु जी को अपने अहंकार को त्यागना पड़ा विष्णु जी और ऋषि दधीचि ने जिस छेत्र में युद्ध हुआ बही स्थान आज स्थानेश्वर के नाम से प्रचलित है ।[1] स्थाणु शब्द का अर्थ होता है शिव का निवास। इसी शहर को सम्राट हर्षवर्धन के राज्य काल में राजधानी का गौरव मिला[2], जिसके साथ साथ इसका नाम बिगड़कर अपभ्रंश रूप में थानेसर हो गया।

स्थानेश्वर महादेव मन्दिर
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
देवताभगवान शिव
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिथानेसर, कुरुक्षेत्र जिला, हरियाणा
वास्तु विवरण
शैलीहिन्दू मन्दिर स्थापत्यकला
निर्मातापांडव

स्थापत्य

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मंदिर की छत गुंबद के आकर की है एवं छत के सामने की तरफ का भाग एक लंबा अमला के आकर का है। मंदिर के अन्दर छत पर आज भी प्राचीन कलाकृतियाँ विद्यमान हैं। इस मंदिर में भगवान शिव का शिवलिंग अति प्राचीन शिव लिंग है। यह मंदिर दो भागों में विभाजित है। बाईं ओर भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी का मन्दिर है और दाईं ओर भगवान शिव का मन्दिर है। इस मंदिर में भगवान भैरव,हनुमान और राम परिवार और माता दुर्गा जी की मूर्ति स्थापित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, पांडवों और कौरवों के बीच महाभारत युद्ध आरम्भ होने से पूर्व पांडवों और भगवान श्रीकृष्ण ने इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा की तथा महाभारत का युद्ध विजय का आशीर्वाद प्राप्त किया था।[2]

पर्व एवं उत्सव

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वैसे तो स्थानेश्वर मंदिर में सभी त्यौहार मनाये जाते हैं किन्तु विशेषकर महाशिवरात्रि के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन मंदिर को फूलों एवं दीपमालिकाओं से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है। यह मन्दिर थानेसर से तीन किलोमीटर दूर झांसा मार्ग पर स्थित है। इतिहास के अनुसार यहां सिखों के नौवें गुरु तेगबहुदुर जी भी आए थे। इस मंदिर के समीप उनकी याद में गुरुद्वारा नवीं पातशाही भी बना हुआ है।[3][1]

  1. "श्री स्थानेश्वर मंदिर". द डिवाइन इण्डिया.कॉम. मूल से 13 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ११ अप्रैल २०१८.
  2. "स्थानेश्वर महादेव मन्दिर". भारतकोश. मूल से 9 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
  3. "कुरुक्षेत्र में है महादेव मंदिर, जहां स्नान से दूर होते हैं सारे रोग". पंजाब केसरी. २५ फ़रवरी २०१७. मूल से 13 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अप्रैल 2018.

बाहरी कड़ियाँ

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