स्वनानुकरणात्मक या ध्वनि-अनुकरणात्मक या विशेषण विपर्यय (अंग्रेजी:Onomatopoeia) शब्द वो शब्द होते हैं जिनका, उच्चारण उनके अर्थ का द्योतक होता है। दूसरे शब्दों में यह वो शब्द होते हैं जो जिनका उच्चारण उनसे संबद्ध वस्तु से मिलता है या यह किसी ध्वनि का अनुकरण करते हैं। इनके उदाहरण हैं, घड़ी की टिक टिक, गट गट करके पानी पीना, जानवरों और पक्षियों द्वारा की जाने वाली ध्वनियां जैसे कि बिल्ली की म्याऊं या कबूतर की गुटरगूं आदि।

स्वनानुकरणात्मक शब्द सभी भाषाओं में समान नहीं होते हैं; ये कुछ हद तक उस व्यापक भाषाई प्रणाली के अनुरूप होते हैं जिसका कि यह हिस्सा होते हैं: इसीलिए किसी घड़ी की आवाज जो हिन्दी में टिक टिक होती है वही अंग्रेजी में टिक टॉक, चीनी में दि दा और जापानी में कैचिन कैचिन होती है। स्वनानुकरणात्मक शब्दों का प्रयोग कॉमिक्स में बहुतायत से होता है।

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