स्वनिमविज्ञान
स्वनिमविज्ञान (Phonology) भाषाविज्ञान की वह शाखा है जो किसी भी मानव भाषा में ध्वनि के सम्यक उपयोग द्वारा अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति से सम्बन्धित मुद्दों का अध्ययन करती है।
किसी भाषा की सार्थक ध्वनियों की व्यवस्था का अध्ययन ही स्वनिमविज्ञान कहलाता है। स्वनिमविज्ञान अपनी मूल इकाई के रूप में स्वनिम (फोनीम) की संकल्पना करता है और इसके उपरांत स्वनिम तथा सहस्वन, उनके वितरण तथा अनुक्रम आदि का अध्ययन करता है। यह 'शब्द' के स्तर के नीचे के स्तर पर अध्ययन करता है।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- स्वनिम (Phoneme)
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- What is phonology?
- What is autosegmental phonology?
- What is generative phonology?
- What is lexical phonology?
- What is metrical phonology?
- What is a phonological derivation?
- What is phonological hierarchy?
- What is phonological symmetry?
- What is a phonological universal?
- Metrical phonology
- Generative phonology: Its origins, its principles, and its successors (by John Goldsmith)
- On-line phonology course (of English)
- Another on-line phonology course dealing with English using large amounts of Macromedia Flash interaction.
- phonoblog
- Variation in the English Indefinite Article: A humorous article demonstrating the importance of phonology (as opposed to merely syntax and semantics) in linguistic analysis.
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |