स्वयंसिद्धा भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रायोजित और २०००-०१ में प्रारंभ महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और कानूनी सशक्तिकरण की समन्वित योजना है। इसके अंतर्गत महिलाओं के स्वयंसहायता समूहों को छोटी बचतों हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। प्रमुख उद्देश्य महिलाओं का वित्तीय समावेशन है। योजना शत प्रतिशत केंद्र द्वारा प्रायोजित है। २००१ से अब तक ७० हजार से अधिक महिला समूहों के बैंक खाते खोले गये। यह योजना ३१ मार्च २००८ को समाप्त कर दी गयी है।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. भारत २०११, प्रकाशन विभाग, सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, पृष्ठ- १०६३-६४

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

स्वयंसिद्धा

भारत २०११