स्वरागिनी - जोड़ें रिश्तों के सुर

भारतीय हिन्दी धारावाहिक

स्वरागिनी - जोड़ें रिश्तों के सुर एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जो कलर्स पर 2 मार्च 2015 से सोमवार से शुक्रवार प्रसारित हो रहा है। यह रात 9:30 बजे देता है। इस धारावाहिक के निर्माता रश्मि शर्मा हैं।[2][3][4][5]

स्वरागिनी - जोड़ें रिश्तों के सुर
शैलीनाटक
निर्मातारश्मी शर्मा टेलीफ़िल्म्स
अभिनीतहैली शाह
तेजस्वी प्रकाश वयंगंकर
उद्गम देशभारत
मूल भाषा(एं)हिन्दी
सीजन कि संख्या1[1]
उत्पादन
निर्मातारश्मि शर्मा
उत्पादन स्थानमुम्बई, कोलकाता
कैमरा सेटअपबहु-कैमरा
प्रसारण अवधि25 लगभग
निर्माता कंपनीरश्मी टेलीफ़िल्म्स
प्रदर्शित प्रसारण
नेटवर्ककलर्स
प्रकाशितमार्च 2, 2015 (2015-03-02)

कहानी संपादित करें

यह कहानी दो परिवारों मारवाड़ी तथा बंगाली पर आधारित है जो बीस वर्षों से एक साथ कोलकाता में रहते है। इसमें स्वरा जो आधुनिक ढंग से रहती है तो दूसरी और रागिनी जो संस्कारी होती है जो पारंपरिक ढंग से रहती है। दोनों ही परिवार लम्बे समय से एक दूसरे से लड़ते रहते हैं। एक दिन स्वरा और रागिनी को पता चलता है कि उनके पिता एक ही हैं, और वे दोनों बहनें हैं। वे दोनों इस बात को जानने के बाद काफी खुश होते हैं और अपने माता-पिता को एक करने के लिए काफी कोशिश करते हैं। अंत में वे दोनों अपने माता-पिता को एक करने में सफल हो जाते हैं।

रागिनी की शादी लक्ष्य से तय हुई होती है, पर रागिनी को पता चलता है कि लक्ष्य उससे नहीं, बल्कि स्वरा से प्यार करता है, और स्वरा भी उससे प्यार करती है तो वो शादी रोक देती है, पर उसे भी लक्ष्य से प्यार हो जाता है और इस कारण वो मन ही मन स्वरा से नफरत करने लगती है। लक्ष्य का भाई, संस्कार भी उनके जीवन में आता है, जिसे लगते रहता है कि लक्ष्य और उसके पिता ने ही उसकी प्रेमिका, कविता को मारा है और वो इसका बदला लेना चाहता है। वो और रागिनी एक दूसरे से मिल जाते हैं और लक्ष्य की स्वरा के साथ शादी के दिन स्वरा को रागिनी नदी में गिरा देती है, और वीडियो में ऐसा दिखाती है कि स्वरा उससे शादी करना ही नहीं चाहती थी। रागिनी ख़ुदकुशी करने का नाटक करने लगती है और लक्ष्य उसे बचा कर उससे शादी करने का फैसला करता है और इस तरह लक्ष्य और रागिनी की शादी हो जाती है।

स्वरा किसी तरह बच कर वापस आती है, और ये सब जान कर आश्चर्य में पड़ जाती है। लक्ष्य उसके इस हरकत के कारण नफरत करने लगता है। स्वरा के पिता भी उसकी एक बात नहीं मानते, और स्वरा की माँ के द्वारा स्वरा का साथ देने के कारण उन दोनों का झगड़ा हो जाता है और वे दोनों अलग हो जाते हैं। अपने आपको बेगुनाह साबित करने और अपने माता-पिता को फिर से एक करने के लिए वो संस्कार के साथ नकली शादी कर के उस परिवार में आ जाती है।

स्वरा को बेगुनाह साबित करने में मदद करते-करते संस्कार को उससे प्यार हो जाता है और उन दोनों अभी झूठी शादी की सच्चाई छुपाने के चक्कर में सच में शादी भी कर लेते हैं। अंत में लक्ष्य को रागिनी की सारी सच्चाई पता चल जाती है और वे लोग परिवार वालों के सामने उसकी सच्चाई सामने ले आते हैं। इसके बाद स्वरा और रागिनी के माता-पिता फिर से एक हो जाते हैं। लक्ष्य किसी तरह रागिनी से तलाक लेना चाहता है, पर रागिनी किसी न किसी तरह नाटक करते हुए ऐसा होने नहीं देती है। अंत में वो रागिनी का अपहरण कर लेता है और बाद में उसे मारने की भी कोशिश करता है और जेल चले जाता है।

लक्ष्य को जेल से निकालने के लिए रागिनी की दादी शर्त रखती है कि रागिनी को पूरे घर और जायदाद का मालकिन बना दिया जाए। रागिनी के मालकिन बनने के बाद लक्ष्य जेल से छुट जाता है। स्वरा को संस्कार उसके घर छोड़ देता है, जिसके बाद स्वरा को एहसास होता है कि वो संस्कार से प्यार करने लगी है। इससे पहले कि वो ये बता सके, संस्कार उसे तलाक के कागज देकर चला जाता है। वो वापस संस्कार के पास आती है और अपने प्यार का इजहार करती है, पर संस्कार मानने से इंकार कर देता है। इसी बीच रागिनी अपनी शातिर तरीकों से स्वरा का तलाक करा देती है।

बाद में पता चलता है कि संस्कार की पूर्व-प्रेमिका, कविता अभी भी जीवित है। संस्कार और कविता की शादी तय हो जाती है, जिसके बाद कविता को पता चलता है कि संस्कार और स्वरा एक दूसरे से प्यार करते हैं, जिसके बाद वो उन दोनों को मिला देती है। इसके बाद संस्कार और स्वरा की शादी हो जाती है।

कलाकार संपादित करें

मुख्य
अन्य
  • परिनीता बोरठाकुर — शरमिस्था बोस, स्वरा की माँ, रागिनी की सौतेली माँ
  • सचिन त्यागी — शेखर गडोड़िया, स्वरा और रागिनी के पिता
  • एकता मेथाइ/ख्याति मंगला — उत्तरा राम प्रसाद माहेश्वरी, संस्कार की बहन (2015-16)
  • रूप दुर्गापाल — तान्या मल्होत्रा/काव्या, लक्ष्य की पूर्व-पत्नी (2016)
  • अल्का कौसल

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अप्रैल 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अप्रैल 2015.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अप्रैल 2015.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 2 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अप्रैल 2015.
  5. "संग्रहीत प्रति". मूल से 5 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अप्रैल 2015.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें