स्वर्णिम युग
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चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल को गुप्तों का स्वर्ण युग कहा जाता है क्युकि इस समय साहित्य और कला अपने चरमोत्कर्ष पर था, भारी मात्रा में स्वर्ण सिक्के जारी किए गए थे, पुरोहितों में दान की गई भूमि को कृषि के अधीन लाया गया, रामायण, महाभारत तथा वायु पुराण लिखे गए, महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ उन्हें रामायण महाभारत और भगवान कृष्ण की भक्ति करने की अनुमति थी, बौद्ध धर्म के लिए स्तूप व विहार बनाए गये