स्व-एकत्रण
स्व-एकत्रण ऐसे प्रक्रम हैं जो बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के, अव्यवस्था की स्थिति में विद्यमान प्रणाली से, पूर्व-उपस्थित घटकों के स्थानीय स्तर पर अंतःक्रियाओं के द्वारा स्व-संयोजित होते हैं। स्व-एकत्रण स्थैतिक या गतिक हो सकते हैं। स्थैतिक स्व-एकत्रण में किसी प्रणाली में संतुलन आता है, जिससे उसकी मुक्त उर्जा में कमी आती है।
रसायन विज्ञान और पदार्थ विज्ञान में स्व-एकत्रण
संपादित करेंस्व-एकत्रण को एक प्रणाली में अणुकणिकाओं के गैर सह-संयुज अंतःक्रियाओं के द्वारा स्वतः और उत्त्क्रमात्मक रूप में एकत्र होने को कहते हैं। इस परिभाषा में स्वतः एकत्रण को स्वतः रचन से भेद करना जरूरी है। उदाहरण के लिये, वर्षा को स्व-एकत्रण नही कहा जा सकता - इसके तीन कारण हैं:
- स्व-एकत्रण में मुक्त उर्जा में कमी आनी चाहिये। अधिकांश रासायनिक अंतःक्रियाओं की दिशा, उष्मगतिकी के तहत, व्यवस्थित स्थिति से अव्यवस्था की ओर परिवर्तन होता है।
- इसमें कम शक्ति वाले रासायनिक गैर सह-संयुज अंतःक्रियाएँ, जैसे हाइड्रोजन बाँड, धातु तालमेल, जल विरोधी बल, वॉन डर वॉल बल, अंतःक्रिया और स्थिरविद्युत, का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनकी तुलना में सह-संयुज अंतःक्रियाएँ, आयनिक और धातुविक बोन्डिंग शक्तिशाली होते हैं और ये द्रवों के भौतिक गुणधर्म, या ठोस पदार्थों के घुलनशीलता पर प्रभाव डालती हैं, जिनका जीवित स्व-एकत्रित प्रणालियों (जैसे कि जीवाणु के कोशिका झिल्लियों) में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- स्व-एकत्रण के मूलभूत अंग सिर्फ अणु और अणुविकायें ही नही, पर कई तरह के नैनो ढांचे जो काफी बडे और अनेक आकृतियों में हो सकते हैं।
स्व-एकत्रण के उदाहरण है आणुविक अभिज्ञान के द्वारा कार्यानवित प्रतिजैविक वैन्कोमैसिन, जिसका पेप्टाइड् जीवाणुओं के अंतक D-alanyl-D-alanine पर जुड जाता हैं, कलिल, प्रावस्था पृथक्कृत बहुलक, इत्यादि।[1][2]
उल्लेख
संपादित करेंऔर देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- कुनियकी नागायामा, विडियो 'प्रकृती में स्व-एकत्रण
- लेख आणुविक अभिज्ञान
- लेख अणुविकाओं के परे, विशाल घटकों में स्व-एकत्रण Archived 2013-08-01 at archive.today
- वाईटसाइड्स, जी. एम. & ग्रजि़बॉस्की बी (2002) सायन्स 295, 2418-2421.
- रोथमन्ड पी डब्ल्यु क, पापादाकिस एन, विनफ्री ई (2004) डी एन ऐ की स्व-एकत्रण कलनविधि. PLoS Biol 2(12)
- विकी: C2 स्व-एकत्रण का कंप्यूटर प्रोग्राम परिप्रेक्ष्य.
- पैलैस्को, जे ऐ, (2007) स्व-एकत्रण: वह विज्ञान जहाँ पदार्थ खुद ही जुट जाते हैं Chapman & Hall/CRC Press.
- डी एन ऐ स्व-एकत्रणपर संक्षिप्त लेख
- डेलावेयर विश्वविद्यालय का स्व-एकत्रण पर संक्षिप्त लेख
- मोहम्मदजा़देगन आर, शेकी एम एच (2007) डी एन ऐ नैनो-गियर आणुविक अनुकरण 33(13); 1071-1081.