हज़ारगी (هزارگی) अफ़ग़ानिस्तान में हज़ारा लोगों द्वारा बोली जाने वाली फ़ारसी भाषा का एक रूप है। यह सब से ज़्यादा मध्य अफ़ग़ानिस्तान के हज़ाराजात नामक क्षेत्र में बोली जाती है। हज़ारा लोग इस भाषा को आम तौर पर आज़रगी (آزرگی) बोलते हैं। हज़ारगी बोलने वालों की संख्या १८ से २२ लाख अनुमानित की गई है।[1]

हज़ारगी में हज़ारगी भाषा का नाम, जो 'आज़रगी' लिखा जाता है

वर्णन संपादित करें

हज़ारगी दरी फ़ारसी से बहुत मिलती-जुलती है और इन दो भाषाओँ के बोलने वाले एक-दूसरे को बख़ूबी समझ लेते हैं।[2] फिर भी हज़ारगी बोलने वालों का लहजा (एक्सेंट) ज़रा अलग होता है।[1]

हज़ारगी में तुर्की और मंगोल भाषाओँ के शब्द भी आम फ़ारसी की तुलना में अधिक होते हैं। मसलन हज़ारगी में तुर्की के 'अता' (पिता), कटा (बड़ा) और 'क़ारा' (काला रंग) और मंगोलियाई से 'बेरी' (दुलहन), 'अलग़ा' (हथेली) और 'क़ुलग़ेय​' (चोर) शब्द आये हैं जो आम फ़ारसी में अनुपस्थित हैं। हज़ारगी में 'ह' की ध्वनि अक्सर नहीं बोली जाती। हज़ारगी और फ़ारसी में एक और बड़ा अंतर यह है कि जहाँ फ़ारसी में 'ट' और 'ड' जैसी मूर्धन्य (रेट्रोफ़्लेक्स) ध्वनियों को नहीं बोला जाता वहाँ हज़ारगी में इन्हें हिंदी की तरह उच्चारित किया जाता है। हज़ारगी में 'बूट' (जूता) कहा जाता है जबकि यही शब्द फ़ारसी में 'बूत' उच्चारित होता है।[3]

इन्हें भी देखें संपादित करें

संदभ संपादित करें