हथगोला (हंड ग्रेनेड) बारूद आधारित हथियार है जो छोड़ने के थोड़ी देर बाद फटता है। मूल रूप से युद्ध में ये हथगोला फेकने में दक्ष सैनिक-टोली का यह काम होता था। किन्तु वर्तमान समय में हथगोले राइफल से फेके जाते हैं या इसी काम के लिये विशेष रूप से डिजाइन किये हुए 'ग्रेनेड-लांचर' से फेके जाते हैं।

विशेषताएँ

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हथगोलों की पांच विशेषताएँ हैं-

  • कम दूरी तक जाते हैं (कम परास)
  • लगभग ५ मीटर की हत्या-त्रिज्या (किल रेडियस)
  • लगभग १५ मीटर की चोट-त्रिज्या (कैजुअल्टी रेडियस)
  • इसमें एक देरी करने वाला अवयव लगा होता है जो सुरक्षित रूप से फेंकने में मदद करता है।
  • इसकी खोल सख्त होती है जो किसी सख्त चीज (जैसे दीवार, फर्श) से टकराकर विस्फोटित होती है।

हथगोले के तीन मुख्य घटक हैं-

  • शरीर, जिसमें विस्फोटक रसायन भरा जाता है।
  • विस्फोटक जो तेजी से फटने में मदद करता है।
  • फ्यूज, जो हथगोले में आग लगाता है।

बाहरी कड़ियाँ

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