हमेशा
हमेशा 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे संजय गुप्ता द्वारा निर्देशित किया गया है। इसमें सैफ़ अली ख़ान, काजोल और आदित्य पंचोली मुख्य भूमिकाओं में हैं।
हमेशा | |
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हमेशा का पोस्टर | |
निर्देशक | संजय गुप्ता |
लेखक | संजय गुप्ता |
पटकथा | रणबीर पुष्प |
निर्माता | जी॰ पी॰ सिप्पी |
अभिनेता |
सैफ़ अली ख़ान, काजोल, आदित्य पंचोली |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
12 सितंबर, 1997 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
फ़िल्म का विषय पुनर्जन्म पर आधारित है। यह फ़िल्म टिकट खिड़की पर असफल रही थी।[1]
संक्षेप
संपादित करेंराजा (सैफ़ अली ख़ान) और यशवर्धन (आदित्य पंचोली) बचपन के दोस्त हैं। वे एक-दूसरे को भाइयों की तरह मानते हैं। रानी शर्मा (काजोल) उनकी ज़िंदगी में प्रवेश करती है। राजा अपने कॉलेज में रानी से टकराता है और तुरंत उससे प्यार करने लगता है। राजा उससे अपने प्यार का इज़हार करता है लेकिन वह उसे अनदेखा कर देती है। परन्तु बाद में वह अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं और उनका प्यार गहरा हो जाता है। हालांकि, यश, उन्हें चुपके देख लेता है और चौंक जाता है। क्योंकि वह पहले से रानी पे मोहित हो चुका होता है। अब राजा एक दिन एक मुलाक़ात के दौरान लापरवाही से यश का हाथ पकड़कर चट्टान के किनारे से पीछे की ओर झुकता है। वह उससे कहता है कि वह अपने दोस्त से प्यार करता है और उस पर भरोसा करता है। यश अवसर का फायदा उठाता है और आखिरी समय में राजा का हाथ छोड़कर स्तब्ध राजा को दुखद रूप से मार देता है।
कई साल बीत चुके हैं और यश अविवाहित है और अपनी दाई माँ (अरुणा ईरानी) के साथ रहता है। किस्मत उसे रेशमा के पास ले जाती है। वह एक लोक नर्तकी है जो रानी की तरह दिखती है। इसके तुरंत बाद, यश को राजू मिलता है जो राजा जैसा दिखता है। रेशमा भी राजू से मिलती है और अपने पिछले जीवन की घटनाओं को याद करती है। उसके साथ कई अन्य मुलाकातों के बाद, उसे याद आता है कि उसके पिछले जीवन में क्या हुआ था। लेकिन राजू को कुछ भी याद नहीं है। यश रेशमा से शादी करना चाहता है और राजू को छोड़ने के लिए वह सब कुछ करता है। वह राजू को मुंबई में अपने संगीत करियर को आगे बढ़ाने के लिए कहकर रिश्वत देने की भी कोशिश करता है। रेशमा यश से तब भिड़ती है जब उसे पता चलता है कि उसने उसकी सहमति के बिना चुपके से उससे सगाई करने की व्यवस्था की है। वह अपने पिछले जीवन में राजा की हत्या के बारे में अपने सपनों के माध्यम से जान जाती है। रेशमा राजू के पास भाग जाती है और उसे बताती है कि क्या हुआ था।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- सैफ़ अली ख़ान — राजा / राजू
- काजोल — रानी शर्मा / रेशमा
- आदित्य पंचोली — यशवर्धन
- अरुणा ईरानी — दाई माँ
- कादर ख़ान — राजू के चाचा
- सत्येन्द्र कपूर — रेशमा के पिता
- लक्ष्मीकांत बेर्डे —
- तेज सप्रू — बनवारी
- इशरत अली —
- मिलिंद गुनाजी — पुलिस इंस्पेक्टर
संगीत
संपादित करेंसभी अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "हमेशा हमेशा" | राहत इन्दौरी | कुमार शानू, साधना सरगम | 6:58 |
2. | "नीला दुपट्टा" | देव कोहली | अभिजीत, अलका यागनिक | 6:23 |
3. | "ऐ दिल हमें इतना बता" | राहत इन्दौरी | उदित नारायण, साधना सरगम | 6:27 |
4. | "ऐसा मिलन कल हो ना हो" | देव कोहली | अभिजीत, अलका यागनिक | 6:26 |
5. | "दिल तुझपे फिदा" | देव कोहली | कुमार शानू, अलका यागनिक | 7:07 |
6. | "मर के भी लौट आएंगे" | देव कोहली | अभिजीत | 7:46 |
7. | "रंगताड़ी रंगताड़ी" | माया गोविन्द | अलका यागनिक, ईला अरुण | 8:23 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "एक साथ 11 फ्लॉप वर्ना होते सलमान-शाहरुख के बराबर, कुछ ऐसा रहा सैफ का हाल!". MensXP. 9 अक्टूबर 2023. अभिगमन तिथि 4 जनवरी 2025.