हरित भवन एक प्रकार का ऐसा भवन, जो पर्यावरण के साथ मिल कर बना होता है। इसे बनाते समय इस तरह से बनाते हैं कि पर्यावरण को बहुत ही कम हानि हो। इसे बनाए के बाद आसपास के स्थान पर पेड़ पौधे लगाए जाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग इसमें पूरी तरह से अपने भवन के ऊपर के भाग को गमलों और छोटे पौधों से सजाते हैं।

सिडनी का एक लटकता हुआ बाग।

इसका मुख्य लक्ष्य ऊर्जा क्षय को रोकना है। इस तरह के भवन का निर्माण इस प्रकार से किया जाता है कि इससे प्रकृति को बहुत कम हानि हो। इसके अलावा इसमें छोटे छोटे पौधे लगाए जाते हैं। जिससे कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। जीवाश्म ईंधन के कमी होने के कारण इस तरह से ईंधन के स्रोत बनाने से उसकी कमी की पूर्ति भी हो जाती है। कई पौधे कई प्रकार के ईंधन भी प्रदान करते हैं। जिससे पेट्रोल जैसे ईंधन की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है और यह सभी ईंधन पर्यावरण को किसी प्रकार का अधिक हानि भी नहीं पहुँचाता है।[1]

 
ताईपेई-१०१ नामक यह भवन सन २०११ से LEED प्लेटिनम प्रमाणपत्र प्राप्त विश्व की सबसे ऊँचा और सबसे बड़ा भवन है।

बाहरी कड़ियाँ

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