हरिपाल कौशिक (2 फरवरी 1934 - 25 जनवरी 2018) एक भारतीय मैदानी हॉकी खिलाड़ी, सैन्य अधिकारी और टेलीविजन वृत्त विवरणकार (कमेंटेटर) थे। उन्होंने 1956 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और 1964 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीते। वह 1966 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सहायक कप्तान थे, और बाद में एक मैदानी हॉकी प्रशासक और टेलीविजन कमेंटेटर रहे। वह हॉकी इनसाइड राइट तथा सेंटर फारवर्ड के तौर पर खेलते थे। उन्हें 1999 में खेलों में उत्कृष्टता के लिए भारत सरकार अर्जुन पुरस्कार मिला।[1]

प्रारंभिक जीवन संपादित करें

हरीपाल कौशिक का जन्म 2 फरवरी, 1934 को जालंधर छावनी के पास खुसरोपुर गांव में हुआ। उनके पिता का नाम तीरथ राम कौशिक था। भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से स्नातक पास करने के बाद उन्होंने भारतीय सैन्य सेवा से जुड़े।[2]

सैन्य सेवा संपादित करें

1959 में भारतीय सेना में कौशिक ने सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन में सेवाएं दीं। कौशिक को 1962 की भारत-चीन युद्ध के मैदान पर "अनुकरणीय साहस और आत्म-उपेक्षा" के लिए भारत सरकार ने 1963 में वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।[3] वह लेफ्टिनेंट-कर्नल के पद तक पहुंचे। 1983 में फौज से उन्होंने पूर्वकालिक सेवानिवृत्ति ली।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Arjuna Award". Hockey India (अंग्रेज़ी में). मूल से 21 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-12-11.
  2. "सुनहरे दौर के हॉकी खिलाड़ी हरीपाल कौशिक". दैनिक ट्रिब्यून. 2012-12-06. मूल से 18 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-12-11.
  3. "HARI PAL KAUSHAK | वीरता पुरस्कार". gallantryawards.gov.in. मूल से 3 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-12-11.