हल्देश्वर महादेव मंदिर

पौराणिक शिव मंदिर

मिनी माउंट के नाम से प्रसिद्ध हल्देश्वर महादेव मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बालोतरा के सिवाना में स्थित है।[1][2]

मंदिर का इतिहास

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सिवाना के पिपलूण गांव की तलहटी में छप्पन पहाड़ियाँ सावन के महीने में अपने पूरे शबाब पर होती हैं। बारिश की फुहारें उनके जीवन में खुशियाँ लेकर आती हैं। इन्हीं पहाड़ियों के बीच तीर्थस्थल हल्देश्वर महादेव बसा है। यह अरावली पर्वत शृंखला का अंतिम छोर है। [3]

सावन के महीने में हल्देश्वर धाम में भक्तों की आस्था उमड़ पड़ती है। यहां पहुंचना आसान नहीं है। भक्तों और पर्यटकों को धाम तक पहुंचने के लिए सात पहाड़ियों को पार करना पड़ता है । पहाड़ी रास्ता कठिन और उलझन भरा है। भगवान भोले के प्रति आस्था यहां आने वाले के लिए आसान रास्ता बनाती है। मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। देश के कोने-कोने से भक्त दर्शन के लिए आते हैं।[4]

बाहरी संबंध

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{टिप्पणीसूची}}

  1. "सात दुर्गम पहाडिय़ों के पार है भोले का हल्देश्वर धाम | Faith of devotees in Savane in Haldeshwar Dham". Patrika News. 2018-07-31. अभिगमन तिथि 2024-05-27.
  2. "बाड़मेर: शिवालयों में गूंजे हर-हर भोले के शंखनाद, सुबह से भक्तों की भारी भीड़, मंदिरों में हुई विशेष पूजा". News18 हिंदी. 2023-07-10. अभिगमन तिथि 2024-05-27.
  3. "मिनी माउंट है छप्पन की पहाड़ियों में बसा 'हल्देश्वर महादेव तीर्थ - Namaskaar Nation" (अंग्रेज़ी में). 2022-07-19. मूल से 27 मई 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2024-05-27.
  4. hindirakshakmanch (2020-01-09). "इतिहास नगरी गढ़ सिवाणा : संत-शूरमाओं की मातृभूमि". hindirakshak (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-05-27.