हवाला
हवाला, धन-हस्तान्तरण की एक अवैध एवं अनौपचारिक प्रणाली है। यह धन लेने-देने वाले दलालों के एक बहुत बड़े नेटवर्क के रूप में काम करती है। हवाला का पूरा काम इस नेटवर्क के 'विश्वास' एवं कार्यकुशलता पर आधारित होता है। हवाला का काम मुख्यत: मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका एवं दक्षिण एशिया में फैला हुआ है।
हवाला व्यापार का मतलब किसी एक इंसान या कोई भी ऐसा इंसान जिसे हवाले के जरिये उसे पैसे देना है!और उस व्यक्ति द्वारा उन पेसो का हस्तान्तरण करना है, इस प्रक्रिया में अवैध रूप से एक देश से दूसरे देश में विदेशी मुद्रा का विनिमय किया जाता है, हवाला विदेशी मुद्रा का एक स्थान से दूसरे स्थान पर गैर कानूनी तरीके से हस्तांतरण है, यह दलालो द्वारा किया गया करोबार या व्यापार कहलाता है! इस कारोबार मे संबंधित व्यक्ति से रुपया लेने का अर्थ है - अवैध रूप से प्राप्त रकम अवैध तरीके से लेनाIकुछ व्यापारी या बिजनेस टैकून हवाला के जरीए ही काले धन को गैरकानूनी तरीके से सफ़ेद करते हैं !
भारत में हवाला कारोबार
संपादित करेंहवाला कारोबार कई देशों की प्रमुख समस्या है जिसमें भारत भी एक है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष हवाला कारोबार का आकार 20 से 25 अरब डॉलर का है। भारत में सबसे अधिक हवाला का कारोबार केरल राज्य में होता है जो कि खाड़ी के देशों से बहुत बड़ी मात्रा में विदेश से हवाला के ज़रिए पैसा प्राप्त करता है। एक अनुमान के अनुसार केरल में हर साल 23000 करोड़ का हवाला रूपया आता है। इसके बाद दूसरे स्थान पर दिल्ली है। राजधानी में हवाला कारोबार का नेटवर्क बड़े पैमाने पर फैला है। सराफा और स्टील कारोबार में हवाला के जरिए ना सिर्फ करोड़, बल्कि अरबों रुपए की हेराफेरी की जाती है। नोट के सीरियल नंबर के आधार पर यह पूरा खेल होता है। इसमें सिर्फ इंकम टैक्स ही नहीं, बल्कि जेवरात और स्टील की खरीदी करने पर कारोबारी का 3 फीसदी जीएसटी भी बचता है और कच्चे में जेवरात व स्टील खरीदी का भुगतान करने में प्रति लाख पर आधा फीसदी यानी 500 रुपए ही कमीशन देना पड़ता है।
हवाला कारोबार करने वालों में मुख्य रूप से निर्यात व्यापार में शामिल कम्पनियाँ, बड़े बड़े कारोबारी और राजनीतिक दलों के नेता शामिल होते हैं। बड़े कारोबारी जो कर चोरी कर रहे हैं वे भी काला धन इकट्ठा कर रहे हैं। भारत के बहुत सारे लोग विदेशों में रहते हैं, हवाला का कारोबार करने वाले उनका इस्तेमाल हवाला कारोबार करने में करते हैं। भारत में हवाला के आरोपी व्यापारी हसन अली और ललित मोदी हैं।
जैन हवाला काण्ड
संपादित करें१८० लाख डॉलर के इस घोटाले को अब तक सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है। इस हवाला घोटाले में दिखया गया कि कैसे राजनेता और कारोबारी पैसों के ट्रांसफर का अवैध कारोबार करते हैं। इस घोटाले में इस बात का खुलासा हुआ कि विदेश से जिस फंड के द्वारा राजनीतिक दल को पैसा ट्रांसफर किया गया उसी चैनल के जरिए आंतकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन को भी फंड दिए गए थे। इस घोटाले में 115 राजनेता और कारोबारी के साथ कई ब्यूरोकेसी इस घोटाले में शामिल थे। हलांकि सबूते के अभाव में 1997-98 में बचकर निकल गए।
सन्दर्भ
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- आखिर क्या होता है हवाला
- हवाला व्यापार किसे कहते हैं और यह कैसे काम करता है?
- हवाला कारोबार किसे कहते हैं?
- काले धन का यार : हवाला कारोबार
- Jost, Patrick M. (2000). The hawala alternative remittance system and its role in money laundering. Interpol. मूल से 23 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 नवंबर 2009. नामालूम प्राचल
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के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद);|archivedate=
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के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद);|accessdate=
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के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद) and U.S. Treasury Department Financial Crimes Enforcement Network (FinCEN) United States - Department of The Treasury - Ballard, Roger. A collection of academic papers exploring the operation of contemporary hawala networks, and the role they play in the transmission of migrant workers' remittances from Europe to South Asia
- "Fears over US hawala crackdown". BBC. फ़रवरी 4, 2004.
- CBC's "Money-transfer systems, hawala style"
- Wilson, John F. et al., Informal Funds Transfer Systems: An Analysis of the Hawala System, International Monetary Fund, October, 2003
- Hawala fraud on बीबीसी न्यूज़, April 2007
- "The Nexus of Drug Trafficking and Hawala in Afghanistan", Dr. Edwina A. Thompson, for the World Bank and the United Nations Office on Drugs and Crime (UNODC)
- Hawala at everything2.com
- Bowers, Charles. An academic paper concerning the international legal/political consequences of hawala and money laundering at Berkeley Electronic Press
- In Praise of Hawala by J. Orlin Grabbe, The Laissez Faire Electronic Times, Vol 1, No 13, May 13, 2002
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