हस्त नक्षत्र 13वाँ नक्षत्र है। इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है। यह पू ष ण ढ प्रथम नाम अक्षर से पहचाना जाता है। नक्षत्र स्वामी चंद्रमा तो राशि कन्या इसका स्वामी बुध है। चंद्र का बुध शत्रु है।

हस्त नक्षत्र

आपमें जहाँ चंद्र के गुण होंगे वही राशि स्वामी बुध का भी प्रभाव जीवन भर रहता है। लग्नानुसार लग्न फल भी मिलता है। चंद्र मन का कारक है। वहीं बुध ज्ञान का कारक है। नक्षत्र स्वामी चंद्र जिन ग्रहों के साथ जिस राशि में जिस अवस्था में होगा परिणामों में भी अंतर आ जाएगा।

चंद्र गुरु के साथ हुआ तो उतम गजकेसरी राजयोग चंद्र मंगल से दृष्टि संबंध बना रहा हो तो ऐसे जातक धनी भी होते हैं।

नक्षत्र स्वामी की शुभ स्थिति हो वहीं राशि स्वामी बुध भी उत्तम स्थिति में हो तो ऐसा जातक उत्तम सफलता पाते हैं। स्वामी चंद्र हो तो एक ही राशि यानी कन्या राशि में ही होगा, लेकिन राशि स्वामी अन्य राशि में होगा। मेष लग्न में राशि स्वामी बुध कर्क, मिथुन, सिंह, मकर, कुंभ राशि में हो तो उत्तम परिणाम देने वाला होगा। वृषभ लग्न में बुध द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, नवम, दशम भाव में उतम परिणाम देगी। कर्क लग्न में बुध सिंह, लग्न में पंचम भाव में ठीक रहेगा।