हान नदी पर चमत्कार (हंगुल: 한강의 기적 उच्चारण: हांगान्गीउइ किजिओक) दक्षिण कोरिया के चमत्कारिक उत्थान के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला पद है। यह पद हालांकि समूचे दक्षिण कोरिया के लिए प्रयुक्त होता है लेकिन यह विशेषतः, सियोल के लिए प्रयुक्त किया जाता है, जहाँ से होकर हान नदी बहती है। यह चमत्कार मुख्यतः १९५३ से १९९६ के दौरान दक्षिण कोरिया में हुई आश्चर्यजनक प्रगति को दर्शाता है। इस काल के दौरान दक्षिण कोरिया एक अत्यन्त निर्धन और पिछड़े देशों की श्रेणी से निकलकर विश्व के प्रमुख औद्योगिक देशों में सम्मिलित हो गया। इस दौरान दक्षिण कोरिया की निर्यात-समर्थित अर्थव्यवस्था का तीव्र औद्योगिकरण और प्रौद्योगिकीकरण हुआ और जीवन-स्तर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। इसके साथ-साथ नगरीकरण, आधुनिकीकरण और वैश्वीकरण में भी आश्चर्यजनक वृद्धि हुई। इन सबके चलते दक्षिण कोरिया कोरियाई युद्ध की विभीषिका से निकलकर ५० वर्षों के अन्तराल में एक खरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बन गया।

दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्था लगभग अविरल रूप से बढ़ती रही और मात्र पचास वर्षों के दौरान शून्य से एक खरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बन गई।


1950 में कोरियाई युद्ध के समय, दक्षिण कोरिया का आम नागरिक लगभग एक आम भारतीय जितना ही कमा पाता था। केवल 45 साल में दक्षिण कोरियाई प्रति व्यक्ति आय भारत से आठ गुना से भी अधिक हो गई।

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