हाफूस (अंग्रेजी में Alphanso अलफांसो, मराठी में हापुस, गुजराती में हाफूस (હાફૂસ) और कन्नड़ में आपूस (ಆಪೂಸ್), आम और जौनपुरी में स्वर्गबूटी भी कहा जाता है की एक किस्म है जिसे मिठास, सुगंध और स्वाद के मामले में अक्सर आमों की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है। यूरोपीय भाषाओं में इसका नाम अलफांसो, अफोंसो दि अल्बूकर्क (पुर्तगाली: Afonso de Albuquerque) के सम्मान में रखा गया है।

हाफूस (आम)

पुआल के बीच हाफूस आम
वंश Mangifera
जाति Mangifera indica
कृषिजोपजाति 'Alphonso'
उत्पत्ति India

फूल आने से लेकर पकने तक का समय लगभग 90 दिनों का होता और पकने का समय लगभग 15 दिन है । [1][2] पकने के बाद इसे लगभग एक सप्ताह तक रखा जा सकता है और इसका यह गुण इसका निर्यात सुगम बनाता है। कीमत के मामले में यह आम भारत के सबसे महंगे आमों में से एक है और इसे मुख्यत: पश्चिम भारत में ही उगाया जाता है। इसका मौसम अप्रैल से मई के मध्य होता है और प्रत्येक आम का वजन 150 ग्राम से 300 ग्राम के मध्य होता है।

भारत में इलाके संपादित करें

हाफूस आमों की सबसे बेहतरीन किस्म महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में स्थित सिंधुदुर्ग जिले की तहसील देवगढ़ में उगायी जाती है, साथ ही सबसे अच्छे आम सागर तट से 20 किलोमीटर अंदर की ओर स्थित जमीन पर ही उगते हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र का रत्नागिरि जिला, गुजरात के दक्षिणी जिले वलसाड और नवसारी भी हाफूस की पैदावार के लिए प्रसिद्ध हैं।

बिहार के कुछ क्षेत्रों में भी हापुस की पैदावार शुरू की गयी है।

चित्र संपादित करें

 
पुआल के बीच हाफूस आम
 
हापुस आम का वृक्ष जिसमें फूल लगे हुए हैं

सन्दर्भ सूची संपादित करें

  1. Dastidar, Abhiroop. "Alphonso Mango- The King Of Kings". Deep-rooted.co.
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर