हारा हाची बू (腹八分) एक जापानी कहावत और नारा है जिसका अर्थ है "दस में से आठ भाग भरना"।[1] यह जापान के कई क्षेत्रों में, विशेषकर ओकिनावा, में खाना खाने से सम्बंधित एक प्रथा है जिसके अनुसार किसी भी व्यक्ति को भोजन करते हुए केवल उतना ही खाना चाहिए जिसमें उसे लगे के उसका पेट 80% भर चुका है।[2] यानि उतना कभी नहीं खाना चाहिए के पूरी तृप्ति हो जाये। काफ़ी अध्ययन के बाद पाया गया है के ओकिनावा के लोगों में मोटापा, मधुमेह और इनसे सम्बंधित हृदय रोग लगभग न के बराबर देखे जाते हैं। ओकिनावा के 29% लोग 100 साल की उम्र से ज़्यादा जीतें हैं जो पश्चिमी देशों का चार गुना है।[3] इस स्वास्थ्य का श्रेय "हारा हाची बू" और ओकिनावा की अन्य सेहत सुरक्षित रखने वाली प्रथाओं को दिया जाता है।

शरीर द्रव्यमान सूचकांक चार्ट

वैज्ञानिक सार्थकता

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शरीर में भूख लगने की प्रक्रिया को देखते हुए वैज्ञानिकों ने पाया है के खाना खाते समय पेट भर जाने पर मस्तिष्क को 20 मिनट पता चलता है। अगर खाना तृप्ति होने तक खाया जाए तो दरअसल व्यक्ति ज़रुरत से लगभग 20% अधिक खाना खा लेता है।[1] इस से पेट फूल जाता है और भारीपन महसूस होता है। पेट का अकार फूलने से अगली दफ़ा व्यक्ति और भी अधिक खाना खाता है। लम्बे अरसे तक ऐसा चलने से व्यक्ति नियमित रूप से अपने शरीर की ज़रुरत से ज़्यादा आहार खाता है जो मोटा होने का मुख्य कारण है। "हारा हाची बू" का नियम पालन करने से इस दुश्चक्र से बचा जा सकता है।

इन्हें भी देखें

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  1. Willcox, Bradley J., and D. Craig Willcox, and Makoto Suzuki (March 12, 2002). The Okinawa Program : How the World's Longest-Lived People Achieve Everlasting Health--And How You Can Too. Three Rivers Press via Amazon.com Look Inside. pp. 86–87. ISBN 9780609807507.{{cite book}}: CS1 maint: multiple names: authors list (link)
  2. Grossman, Terry (2005). "Latest advances in antiaging medicine" (PDF). The Keio Journal of Medicine. 54 (2): 85–94. doi:10.2302/kjm.54.85.[मृत कड़ियाँ]
  3. Smolin, Lori A. and Mary B. Grosvenor (2004). Basic Nutrition. Infobase Publishing. ISBN 0791078507.