हिक्कडुवे श्री सुमंगल थेर

हिक्कडुवे श्री सुमंगल थेर (सिंहली: හික්කඩුවේ ශ්‍රි සුමංගල නාහිමි; 20 जनवरी 1827 – 29 अप्रैल 1911) श्रीलंका के एक बौद्ध भिक्षु थे जिन्होंने १९वीं शताब्दी में श्रीलंका में बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान में महती भूमिका अदा की। [3] उन्होंने बौद्ध शिक्षा में सुधार के अनेक कार्य किये और सन १८७३ में विद्योदय परिवेण की स्थापना की जिसे श्रीलंका की सरकार ने १९५९ में विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया। [3]

हिक्कडुवे श्री सुमंगल थेर

हिक्कडुवे श्री सुमंगल थेर
धर्म बौद्ध धर्म
पाठशाला थेरवाद
संप्रदाय श्यम निकाय
Dharma name(s) परमादरणीय हिक्कडुवे श्री सुमंगल नायक थेर
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ
राष्ट्रीयता श्री लंकाई
जन्म निकोलस गुणवर्धने
20 जनवरी 1827
हिक्कडुवा
निधन 29 अप्रैल 1911(1911-04-29) (उम्र 84 वर्ष)
पद तैनाती
उपदि त्रिपिटक वागीश्वराचार्य[1]
Chief of Siyam Nikaya[1]
Chief Monk of Sri Pada[2]
Chief Monk of Colombo Nawa Korale
Chief Monk of Galle District
धार्मिक जीवनकाल
गुरु वालने श्री सिद्धार्थ महा थेर
शिष्य अनागारिक धर्मपाल

साहित्यिक कृतियाँ

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Thera in the early 1900s
  • ब्रह्म धर्मय
  • वर्ण रीति (1873)
  • Masarthu Lakshana (1858)
  • Translation of Mahavamsa to Sinhalese (1847)[4]
  • Sidath Sangara Sannasa
  • काव्य शेखर सन्नास
  • बालावतारटीकाव
  • पालि नामपद मालव
  • क्रिस्तियानी वाद विभातनीय[5]
  • Sathya Margaya[5]
  • Rivirasa[5]
  • Bhuddha Addahilla[5]

इन्हें भी देखें

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  1. Peiris, Gopitha (April 2006). "Most Venerable Hikkaduwe Sri Sumangala Nayaka Thera remembered". Daily News Online. अभिगमन तिथि 18 July 2014.
  2. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; S नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  3. Wijetunge, Ratna (29 April 2009). "The great Buddhist revivalist". Daily News Online. अभिगमन तिथि 14 May 2014.
  4. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; cbp नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  5. Sihala Text Book (Grade 8). Sri Lanka: Educational Publications Department. 2016. पपृ॰ 160–163. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-955-25-0286-6.