हिजाज़ी लिपि
हिजाज़ी लिपि (अरबी:خَطّ ٱَلحِجَازِيّ) कई प्रारंभिक अरबी लिपियों का सामूहिक नाम है जो हेजाज़ ( अरब प्रायद्वीप के उत्तर-पश्चिम) में विकसित हुई, एक क्षेत्र जिसमें मक्का और मदीना शहर शामिल हैं। इस प्रकार की लिपि इस्लाम के उदय के समय से ही प्रचलन में थी। सुलेखित हिजाज़ी लिपि को मा 'इल लिपि (مائل); भी कहा जाता है ये कई प्रारंभिक कुरानिक पांडुलिपियों में पाए जाते हैं। दोनों शब्दों का प्रयोग प्रायः एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है।
मश्क और कुफिक के साथ हिजाज़ी सबसे पुरानी लिपियों में से एक थी। पूर्ववर्ती लिपियों में प्राचीन उत्तरी अरब और दक्षिण अरब लिपि शामिल थी।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसंदर्भ
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बाहरी लिंक
संपादित करें- ब्रिटिश लाइब्रेरी एमएस. या. 2165 7वीं या 8वीं शताब्दी ईस्वी में माइल लिपि में लिखी गई प्रारंभिक कुरआन पांडुलिपि
- ब्रिटिश लाइब्रेरी एमएस. या. 2165 Archived 2018-08-08 at the Wayback Machine (ब्रिटिश पुस्तकालय) Archived 2018-08-08 at the वेबैक मशीन 2018-08-08 at द (ब्रिटिश लाइब्रेरी)
- कुवैत में तारिक रजब संग्रहालय से माइल पांडुलिपि Archived 2020-10-20 at the वेबैक मशीन 2020-10-20 at the Wayback Machine.
- महान मस्जिद, सना में खोजों से एक इटैलिक हिजाज़ी लिपि में फोलियोसनाआ
- वैटिकन पुस्तकालय से मक्कन हिजाज़ी लिपि में टुकड़ा