हिन्दी साहित्य का सुबोध इतिहास

हिन्दी साहित्य का सुबोध इतिहास बाबू गुलाबराय की आलोचनात्मक कृति है। यह १९३८ में प्रकाशित हुई। हिन्दी साहित्य के सुदीर्घ इतिहास को सर्वग्राह्य बनाने के लिये उन्होने इस ग्रन्थ की रचना की। ध्यातव्य है कि आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का हिंदी साहित्य का इतिहास इसके पहले आ चुका था और अति सम्माननीय होने के बावजूद यह साधारण लोगों के लिये अति गम्भीर और 'अबोध' माना जाता है।

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