हिप्पारकस (यूनानी: Ἵππαρχος, हिप्पारख़ोस, अंग्रेज़ी: Hipparchus, जन्म: अंदाज़न १९० ई॰पु॰, देहांत: अंदाज़न १२० ई॰पु॰) एक यूनानी ज्योतिषी, खगोलशास्त्री, भूगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे। उन्हें पश्चिमी इतिहासकार त्रिकोणमिति (ट्रिगनोमॅट्री) का जन्मदाता मानते हैं।

हिप्पारकस
जन्म 190 BCE (Julian)
मौत 120 BCE (JulianEdit this on Wikidata
पेशा खगोल विज्ञानी, गणितज्ञ, भूगोलशास्त्री Edit this on Wikidata

उन्होंने अपने व्यवसायकाल के अंत में अपना प्रसिद्ध तारों की सूची बनाई, लेकिन इतिहास के किसी मोड़ पर वह नष्ट हो गयी और वह मूल रूप से नहीं बची है। उन्होंने कम से कम ८५० तारों का बखान किया था, जिसे बाद में टॉलमी ने अपने आल्मागॅस्त नाम के ताराकोष में शामिल कर लिया। अल-सूफ़ी ने भी अपने ताराकोष को बनाने के लिए टॉलमी के ज़रिये मिली हिप्पारकस की तारों की फहरिस्त का प्रयोग किया। हिप्पारकस ने सारे तारों को उनके रोशनपन के आधार पर छह श्रेणियों में डाल दिया। जो बीस सब से रोशन तारे थे उन्हें 'एक' की श्रेणी दी गयी, उस से कम रोशन तारों को 'दो' की श्रेणी दी गयी, वग़ैराह। यही तरीक़ा आगे चलकर आधुनिक खगोलशास्त्र में तारों के खगोलीय कान्तिमान मापने की मानक विधि बन गयी और आजतक प्रयोग होती है।

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हिपाकर्ष ने एर्स्ट्रोलाब नामक यंत्र का अविष्कार किया जिसकी सहायता अक्षांश और देशांतर के निर्धारण में ली। इसमें धुव्र तारे से कोण के आधार पर अक्षांश और देशांतर का निर्धारण किया ।