हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा
हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा (पश्तो: ھیبت الله اخوندزاده जन्म: 1960) एक अफ़ग़ान इस्लामी नेता हैं जो अफ़ग़ानिस्तान की इस्लामी अमीरात के तीसरे अमीर हैं।[1] तालिबान उन्हें अमीर अल-मुमिनिन (निष्ठावान कमाण्डर) कहते हैं, जो इनके दो पूर्ववर्तियों की उपाधि थी। उन्हें सम्मानित मौलवी और मुल्ला के नाम से भी जाना जाता है।
अखुन्दज़ादा तालिबान के मामलों पर अपने फतवे के लिए जाने जाते हैं। इन्होंने अफगानिस्तान की इस्लामी अमीरात के शरिया अदालतों के प्रमुख के रूप में कार्य किया। कई तालिबान नेताओं के विपरीत, इनके पास कोई सैन्य अनुभव नहीं है। जैसे कि एक ड्रोन हमले में पिछले नेता अख्तर मंसूर की मौत के बाद मई 2016 में इन्हें तालिबान के नेता के रूप में चुना गया था। अफगानिस्तान के इस्लामी गणराज्य के पतन के बाद, अखुंदज़ादा को अफगानिस्तान का नए बहाल इस्लामी अमीरात पर पान्थिक (Religious) और राजनीतिक अधिकार दोनों का सर्वोच्च नेता अमीर अल-मुमिनिन घोषित किया गया था।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Profile: तालिबान के नए प्रमुख मौलवी हिबतुल्ला अखुंदजादा". BBC News. 26 मई 2016. मूल से 19 March 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 April 2020.
- ↑ Zucchino, David (2021-09-01). "शासन में स्थानांतरण, तालिबान सर्वोच्च अफगान नेता का नाम लेगा". The New York Times (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0362-4331. अभिगमन तिथि 2021-09-06.